हर कपल अपना बायोलॉजिकल बच्चा चाहता है. लेकिन बांझपन की बढ़ती समस्या के कारण कई लोगों का मां-बाप बनने का सपना अधूरा रह जाता है, या सरोगेसी, एडॉप्शन जैसे दूसरे तरीकों की मदद लेनी पड़ती है. ऐसे में सर्दी-जुकाम की दवा से प्रेग्नेंट होने का दावा उन कपल्स के लिए नजरअंदाज करना मुश्किल है जो इस स्थिति से गुजर रहे हैं. 


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हाल ही में टिक टॉक पर ऐसी कई वीडियो वायरल हो रही है जिसमें महिलाओं ने अपनी प्रेग्नेंसी का क्रेडिट खांसी और सर्दी की दवा म्यूसिनेक्स - या सक्रिय घटक गुइफेनेसिन युक्त इसी तरह की ओवर-द-काउंटर डिकॉन्गेस्टेंट दवाओं के इस्तेमाल को दिया है. जिससे सोशल मीडिया पर 'म्यूसिनेक्स मेथड ट्रेंड कर रहा है. यह बांझपन का सामना कर रही महिलाओं के लिए भी फायदेमंद बताया जा रहा है. 


म्यूसिनेक्स का शरीर पर असर

म्यूसिनेक्स में गुआइफेनेसिन कंपाउंड होता है जो कफ को पतला करने और सांस की नली को साफ करने का काम करता है. ऐसे में सर्दी से बंद नाक से तुरंत राहत मिलती है. 

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म्यूसिनेक्स और प्रेगनेंसी में संबंध

प्रेगनेंसी के प्रोसेस में स्पर्म सबसे पहले महिला के वेजाइना में जमा होते हैं. स्पर्म को एग तक पहुंचने के लिए सर्विक्स से गुजरना पड़ता है. यहां म्यूकस बनता है, जिसकी मात्रा और स्थिरता महिला के पीरियड्स के दौरान बदलती है. ओव्यूलेशन के समय, यह म्यूकस सबसे अधिक उपयुक्त होता है, जिससे स्पर्म को एग तक पहुंचने में सहायता मिलती है. अगर म्यूकस बहुत अधिक या बहुत गाढ़ा हो, तो यह स्पर्म को एग तक पहुंचने में बाधा उत्पन्न कर सकता है. ऐसे में म्यूसिनेक्स दवा मददगार साबित होती है.  

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दावे में कितनी सच्चाई

सच तो यह है कि इस बात के बहुत कम वैज्ञानिक प्रमाण है कि म्यूसिनेक्स प्रजनन क्षमता में मदद कर सकता है. 1982 में फर्टिलिटी एंड स्टेरिलिटी जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, वैज्ञानिकों ने 40 जोड़ों का अध्ययन किया जिनकी बांझपन को "सर्वाइकल समस्या" के रूप में परिभाषित किया गया था. अध्ययन में शामिल महिलाओं को उनके पीरियड्स के पांचवें दिन से दिन में तीन बार 200 मिलीग्राम गुइफेनेसिन दिया गया. अध्ययन के अंत तक, 40 में से 15 जोड़े गर्भवती हो गए थे, जिसे कुछ लोग गुइफेनेसिन के उपयोग के समर्थन के रूप में देख सकते हैं.


स्पर्म प्रोडक्शन पर भी होता है असर

एक दूसरी स्टडी के अनुसार, एक व्यक्ति ने दो महीने तक दिन में दो बार 600 मिलीग्राम गुइफेनेसिन लिया. जिससे उसके स्पर्म प्रोडक्शन और मोटालिटी में बढ़ोतरी देखी गयी. चूंकि यह अध्ययन एक 32 वर्षीय व्यक्ति पर किया गया था, शोधकर्ता इस बात की पुष्टि नहीं कर सके कि परिवर्तन का कारण गुइफेनेसिन था.



इस बात का ध्यान रखें 


माता-पिता बनने की चाहत रखने वालों के लिए, व्यापक रूप से उपलब्ध दवा के साथ अपनी संभावनाओं को बढ़ाने का विचार काफी आकर्षक है. हालांकि, प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए गुइफेनेसिन लेने का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. जो लोग गर्भवती होने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, उनके लिए सबसे अच्छी और सबसे सरल सलाह है कि आप अपने डॉक्टर से बात करें.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.