नई दिल्ली: बच्चों को सॉफ्ट टॉयज साथ में लेकर सोने की आदत होती है. कई बच्चे इसके बिना खाना तक नहीं खाते हैं. वे सॉफ्ट टॉयज को लेकर इतने संवेदनशील होते हैं कि उसे किसी के साथ शेयर करना उन्हें पसंद नहीं आता है. मगर क्या आप जानते हैं कि मखमल से मुलायम ये सॉफ्ट टॉयज बच्चों की सेहत के लिए कितने हानिकारक होते हैं? इन्हें समय-समय पर धोते रहना चाहिए. अन्यथा आपके बच्चों को रायनाइटिस की समस्या हो सकती है. 


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रायनाइटिस क्या है?
लगातार छींकें आना, नाक से पानी जैसा तरल पदार्थ का लगातार बहना, सिरदर्द होना और नाक, आंख, तालू में खुजली होना, ज्यादातर ये दिक्कतें रायनाइटिस के कारण होती हैं. रायनाइटिस की असली जड़ धूल-मिटटी है. मौसम में बदलाव के कारण रायनाइटिस हो सकता है. जिस तरह हम अपने कपड़े रोज साफ करते हैं, उसी तरह हमें बच्चों के सॉफ्ट टॉयज भी रोजाना धोने चिहिए. ऐसा नहीं करने पर बच्चों में रायनाइटिस की समस्या हो सकती है. दरअसल, गंदे सॉफ्ट टॉयर बच्चों के इम्यून को वीक कर देते हैं. जिसके चलते वे जल्दी-जल्दी इन्फेक्शन के चपेट में आ जाते हैं.


सॉफ्ट टॉयज से कैसे होता है इन्फेक्शन?
धूल-मिट्टी सबसे पहले उड़कर सॉफ्ट टॉयज में आकर जमा होती हैं. हम इसे रोज नहीं धोते हैं, जिसके कारण इनमें हानिकारक बैक्टीरिया जमा होते जाते हैं. जब बच्चा इन्हें साथ लेकर सोता है, तो सांस लेते समय यह बारीक कण उसके नाक में घुस जाते हैं. इसी से नाक में ब्लॉकेज हो जाती है.


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सॉफ्ट टॉयज को कैसे रखें साफ?
- अगर सॉफ्ट टॉयज मशीन से धुल सकते हैं, तो इन्हें सफ्ताह में एक बार जरूर धोइए और अच्छे से ड्राई भी कीजिए. सुखाने के लिए धुप में रखें.


- यदि सॉफ्ट टॉयज मशीन में धुलकर खराब हो सकते हैं, तो इन्हें गरम पानी में डिटर्जेंट डालकर स्क्रब से साफ कीजिए.


- वैक्युम या ड्राईक्लीन भी करवा सकते हैं.


- यदि बच्चे को सॉफ्ट टॉयज लेकर सोने की आदत है, नींद लगते ही धीरे से टॉय को हटा दीजिए.


- बच्चे को एकाद सॉफ्ट टॉयज ही खेलने को दें. बाकी को आप अच्छे से पैक कर दें.


- सॉफ्ट टॉय से ध्यान हटाने के लिए उसे दूसरी एक्टिविटीज में इन्वॉल्व कीजिए.