Why Baby Needs Mother's Milk: भारत में नवजात शिशुओं को जन्म के पहले घंटे में स्तनपान कराने की दर सिर्फ 42% है. इसके अलावा, जन्म के बाद पहले छह महीनों में केवल तीन में से दो बच्चे विशेष रूप से स्तनपान प्राप्त कर पाते हैं. मां का दूध बच्चे के लिए अमृत के समान माना जाता है. यह दूध सिर्फ बच्चे के विकास के लिए ही नहीं बल्कि मां के लिए के सेहत के लिए भी जरूरी. 


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स्तनपान के फायदे


-  माताओं के लिए, लंबे समय तक स्तनपान से बेहतर स्वास्थ्य परिणाम जुड़े हुए हैं, जैसे कि ओवेरियन और ब्रेस्ट कैंसर का कम जोखिम. इसके अलावा, पहले छह महीनों के लिए विशेष स्तनपान से मासिक धर्म में देरी हो सकती है, जो नेचुरल परिवार नियोजन में सहायता कर सकती है,


- स्तनपान के पहले घंटे में मां के दूध में कोलोस्ट्रम या 'तरल सोना' नामक महत्वपूर्ण पदार्थ होता है, जो एंटीबॉडी से भरपूर होता है. यह शिशु की इम्यूनिटी को मजबूत करता है और निमोनिया तथा दस्त जैसे इंफेक्शन से बचाता है. यह प्रतिरक्षा शैशवावस्था से लेकर किशोरावस्था और वयस्क जीवन तक सहायक होती है.

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- छह महीने से पहले शिशुओं को केवल स्तन का दूध ही दिया जाना चाहिए. बाहरी पानी का सेवन इंफेक्शन और बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकता है और स्तन के दूध के पोषक तत्वों की मात्रा को कम कर सकता है, जिससे कुपोषण हो सकता है. 


-अध्ययन बताते हैं कि कम शिक्षा और कम सामाजिक-आर्थिक स्थिति के साथ महिलाओं का पोषक तत्वों का सेवन प्रभावित होता है, जिससे गर्भवती महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) कम होता है. इसका सीधा असर बच्चे पर भी पड़ता है.

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