अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके सपनों को साकार करने के लिए कई पहल की गई हैं. इनमें महिला उद्यमियों को बढ़ावा देना, उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना और उन्हें स्किल ट्रेनिंग देना शामिल है.


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आज के समय में महिला एंटरप्रेन्योर की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. महिलाएं दुनिया भर में अलग-अलग पोजीशन पर लीड कर रही हैं. कुछ ऐसे भी हैं जो महिलाओं को रोजगार दिलाने के लिए काम कर रहे हैं. उन्हें स्किल सिखा रहे हैं उनके लिए ट्रेनिंग आदि की व्यवस्था कर रहे हैं ताकि वह आगे बढ़ सकें.


महिलाओं को ज्यादा आत्मनिर्भर बनाने के लिए ब्रिटानिया मैरी गोल्ड ने अपने हरस्टोर ने एक यूनिक मार्केट को पेश किया है, जिसमें प्रॉडक्ट और सर्विस दोनों को शामिल किया गया है. इसकी खास बात ये है कि इसमें सभी काम महिलाएं ही करती हैं. यह महिलाओं को ज्यादा आत्मनिर्भर बनाने के लिए मार्केट के ट्रेंड के मुताबिक स्किल और नॉलेज से लैस करने के लिए ट्रेनिंग, वर्कशॉप आदि भी उपलब्ध करा रहा है. यह महिलाओं के बीच नॉलेज शेयर करने और मेंटर देने में सक्षम बनाने के लिए एक कम्युनिटी के साथ है.


'साथ जुड़ो, साथ उड़ो' एक सपोर्टिव डिजिटल इकोसिस्टम डेवलप करना यह दिखाता है, कि महिलाएं एकजुट होकर एक-दूसरे का उपर उठाने का काम कर सकती हैं. इस प्रोग्राम में महिलाओं को जरूरी फाइनेंशियल हेल्प और अप-स्किलिंग का काम किया जाता है. इस प्रोग्राम में 50 से ज्यादा महिलाओं में हर एक को 10 लाख रुपये दिए गए हैं और 50 हजार से ज्यादा महिलाओं को अपना बिजनेस शुरू करने के लिए स्किल प्रदान किए गए हैं.


महिला दिवस पर, कई कंपनियां अलग-अलग पहलों के साथ महिलाओं के लिए अपना सपोर्ट दिखा रही हैं. उनमें से एक आईटीसी है, जिसका उद्देश्य वर्कप्लेस में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है. फिनटेक कंपनी क्रेडएबल ने भी महिलाओं के नेतृत्व वाले बिजनेस को सपोर्ट देने के लिए 200 करोड़ रुपये इनवेस्ट करने का फैसला लिया है.


कंपनियों द्वारा दिखाए गए सपोर्ट के बावजूद, विश्व आर्थिक मंच की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं को लिंग भेदभाव के कई रूपों का सामना करना पड़ता है, जिसमें लिंग फंडिंग का अंतर भी शामिल है.