DNA: सेहत बनाने के बजाय कहीं बिगाड़ तो नहीं रहे आपके प्रोटीन सप्लीमेंट? टेस्टिंग के नतीजे जान आप भी कर लेंगे तौबा
Zee News DNA: क्या सेहत बनाने में इस्तेमाल होने वाले प्रोटीन सप्लीमेंट आपकी हेल्थ बिगाड़ तो नहीं रहे? लैब की टेस्टिंग में प्रोटीन सप्लीमेंट का वो काला सच सामने आया है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे.
DNA on Protein Supplement Reality Check: पिछले काफी समय से लोगों में जिम जाकर बॉडी बनाने और सिक्स पैक एब्स बनाने का चलन चल रहा है. बॉडी बनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग प्रोटीन पाउडर ले रहे हैं...जिसका रिजल्ट बहुत जल्द शरीर में दिखता भी है...लेकिन सवाल है कि जिस प्रोटीन पाउडर को लोग बॉडी बनाने के लिए ले रहे है वो फायदा कर रहा है या नुकसान.. ये विश्लेषण आपकी सेहत से जुड़ा है इसलिए आज हम प्रोटीन पाउडर को लेकर आपके लिए ज्ञानवर्धक विश्लेषण लेकर आए हैं.
हाल ही में Medicine Journal में प्रोटीन पाउडर पर एक लेख छपा है. इस लेख की हेडलाइन है A self-funded, transparent, and concerning report on analysis of popular protein supplements sold in the Indian market. हम आपको बताते हैं कि इस लेख में बॉडी बनाने वाले प्रोटीन पाउडर को लेकर क्या कहा गया है.
70 फीसदी प्रोटीन सप्लीमेंट गुमराह करने वाले
केरल के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने भारतीय बाजार में बिकने वाले 36 ब्रांड्स के Protein Supplements को Stores और Authorized Dealers से खरीद कर Lab टेस्टिंग की है. इस शोध के मुताबिक भारत में बिकने वाले करीब 70 प्रतिशत Protien Suppliments "Mislabelled" हैं...यानि जिनपर लगे लेबल में गलत जानकारी दी गई है.
36 बड़े ब्रांड्स के Protein Supplements में से 25 ब्रांड्स के Protein Supplements Mislabelled हैं और उनमें Pack पर लिखी गई मात्रा से बेहद कम या फिर बेहद ज्यादा प्रोटीन है. जो कंपनियां युवाओं की सेहत के साथ ये खेल कर रही है वो सारी जानी मानी कंपनियां है...यानि बड़े ब्रांड्स है...इनमें Big Muscles, British Biologicals, One Science, Dr Morepen, Fast & Up, Nutrabox , Muscle Blaze जैसे बड़े-बड़े ब्रांड्स है. जिनके Protein Supplements में Protein की मात्रा या तो लिखी मात्रा से कम है या फिर जरूरत से ज्यादा...इन सभी कंपनियों के नाम इस वक़्त आप अपनी टीवी स्क्रीन पर देख भी रहे हैं.
तय मात्रा से कम मिला प्रोटीन
Big Muscles के Vegan Protein नाम से बेचे जाने वाले Protein Supplement डब्बे पर 81.3% प्रोटीन कंटेंट लिखा मिलता है..लेकिन जब लैब में टेस्टिंग की गई तो पता चला कि इसमें प्रोटीन कंटेंट सिर्फ 19.4 प्रतिशत है. यानी 4 गुना से कम. इसी तरह Big Muscles के Frotein Wey नाम से बेचे जाने वाले Protein Supplement डब्बे पर 76.5% प्रोटीन कंटेंट लिखा हुआ मिलता है. जबकी इसमें प्रोटीन कंटेंट मिला सिर्फ 26.1 प्रतिशत.
British Biologicals के B Protein के डब्बे पर 40% प्रोटीन लिखा हुआ मिलता है लेकिन शोध में पता चला कि इसमें प्रोटीन की मात्रा सिर्फ 10.4% ही है. यानी लगभग 3 गुना कम. यही हाल One Science के Whey Protein का है जिसके डब्बे पर Protien की Quantity 83% लिखी है लेकिन असल में सिर्फ 68.4% ही मिला.
जिम ट्रेनर देते हैं पाउडर लेने की सलाह
प्रोटीन के बाजार में कई कंपनियों के प्रोडक्ट है...ये कंपनियां दावा करती है कि उनके प्रोडक्ट में भरपूर प्रोटीन है...जिन्हें लेने से सेहत बनती है...लेकिन सेहत कम और युवाओं के साथ खेल ज्यादा हो रहा है...mislabbeling इस कदर है की इन ब्रांड्स के अलावा कुल 20 ब्रांड्स में Protien Content जिनता डब्बे पर लिखा गया है उससे काफी कम मिला.
सोचिए ये हाल Protein Supplement बेचने वाली उन कंपनी का है जो कहती है कि वो भारत की नंबर 1 Body Buildling Suppliment Brand है...इसपर ZEE MEDIA संवाददाता शिवांक मिश्रा ने डॉक्टर से बात की. आज बड़ी संख्या में युवा जिम जाते है...कुछ सिर्फ फिट रहने के लिए जिम में पसीना बहाते है तो कुछ लोग बॉडी बिल्डिंग के लिए मेहनत करते है...जिम में भी ट्रेनर प्रोटीन पाउडर लेने की सलाह देते है.
प्रोटीन सप्लीमेंट में हैवी टॉक्सिक शामिल
हम सब यही सोचते हैं कि प्रोटीन पाउडर लेने से सेहत बनेगी...कुछ ग्राम प्रोटीन पाउडर लेकर बॉडी जल्दी बन जाएगी...अगर आप भी यही सोच रहे हैं तो आपको Medicine जर्नल में छपे इस शोध की कुछ बातों को जरूर जानना चाहिए. इस शोध से पता चला है कि 36 के 36 Protein Supplements Brands में Toxic Heavy Metals मौजूद हैं.
हेल्थ बनाने का दावा करने वाले इन प्रोटीन पाउडर में Lead और Arsenic जैसे Carcinogenic Heavy Metals हैं जो सेहत बनाने की बजाए कैंसर तक दे सकते है. शोध के मुताबिक भारत में बिकने वाले इन 36 Top Brands में से 27 में यानी करीब 75 फीसदी में "Lead" जैसा जहरीला पदार्थ है...जिसे International Agency for Research on Cancer ने probable human carcinogen की श्रेणी में रखा है.
कम समय में बॉडी बनाने की चाहत
36 में से 34 Protein Supplements में Copper और 10 में Cadmium भी मिला है जिससे दिल की बीमारी और Heart Attack तक हो सकता है. जबकि 5 Protien Suppliments में Fungal Toxin मौजूद है और 5 ब्रांड में Arsenic है जो हेल्थ के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है.
आज के समय में हर कोई चाहता है कि जिम में कम पसीना बहाकर वो जल्दी बॉडी बना ले...और यही सोच युवाओं को Protein Supplements की तरफ ले जाती है...प्रोटीन हम सब की बॉडी के लिए बहुत जरूरी होता है...वैसे तो प्रोटीन के लिए हम दाल, पनीर, दूध, मूंगफली, सोयाबीन भी खा सकते है...लेकिन ये सब रोज खाना संभव नहीं है. इसलिए जिम जाने वाले ज्यादातर लोग प्रोटीन पाउडर ले लेते है जिससे शरीर को पोषक तत्व भी मिल जाते है और बड़ी बनाने में भी आसानी होती है.
सप्लीमेंट कंपनियों ने दी अपनी सफाई
चूंकि ये मामला आपकी सेहत से जुड़ा था, इसलिए हमने Protein Supplements बनाने वाली हर कंपनी को मेल किया...हम इस शोध पर उनका पक्ष जानना चाहते थे. Medicine जर्नल में छपी इस रिपोर्ट पर Big Muscle ने कहा है कि शोध के नतीजे Baseless और Misleading है. Big Muscles ने इसके खिलाफ अदालत में याचिका भी दायर की है. Big Muscles ने कहा है कि उसके प्रोटीन पाउडर के हर बैच की जांच के बाद ही उसे बाजार में बेचा जाता है.
Muscle Tech ने कहा है कि शोध में छपा डाटा सही नहीं माना जा सकता है. हमारे प्रोडक्ट में Protein Content और Heavy Metal कंटेंट FSSAI के मानकों के मुताबिक है और कंपनी FSSAI के नियमों का पालन करती है. Dr Morepen नाम की प्रोटीन निर्माता कंपनी ने फोन कॉल पर हमें बताया कि Dr Morepen प्रोटीन सप्लीमेंट्स का निर्माण नहीं करती है बल्कि सिर्फ उसे बेचती है, Dr Morepen के मुताबिक उसके द्वारा बेचे जाने वाले प्रोटीन सप्लीमेंट्स को FSSAI से अप्रूव्ड कंपनी बनाती है.
कंपनियों ने FSSAI की जिम्मेदारी बताकर हाथ झाड़ लिया
Optimum Nutrition ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि आज तक भारत के FDA ने Protein में Heavy Metals पर कोई Optimum Threshlold नहीं बनाया है, ऐसे में वो कोशिश करती है की उसके उपभोक्ताओं को बेहतर क्वालिटी के प्रोडक्ट्स मिलें.
Fast & Up की तरफ से हमे जवाब मिला कि उसके प्रोटीन का Raw Material अच्छी क्वालिटी का होता है और यूरोपीय देशों से खरीदा जाता है, उनके प्रोडक्ट में heavy metals भी FSSAI के मानकों के मुताबिक ही हैं. इसी तरह Himalaya Welness की तरफ जवाब मिला. जिन्होंने अपने प्रोटीन कंटेंट को सही बताया और स्टडी में मिली heavy metals की मात्रा को FSSAI के नियमों के मुताबिक बताया.
इसी तरह प्रोटीन सप्लीमेंड बनाने वाली कंपनी MY PROTEIN ने भी मेडिसिन जर्नल में छपे शोध पर सवाल उठाते हुए उसे गलत करार दिया है. जिन कंपनियों ने हमें अपना पक्ष भेजा उनमें से ज्यादातर कंपनियों ने अपनी जिम्मेदारी की बजाए FSSAI की जिम्मेदारी बताकर सवाल उठाए है. ऐसे में अगर सवाल कंपनियों पर उठे है तो सवाल FSSAI पर भी है...जिसका जवाब दिया जाना चाहिए.