गांधीनगर: लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद चर्चित विधायक अल्‍पेश ठाकोर ने उपमुख्यमंत्री और वरिष्‍ठ भाजपा नेता नितिन पटेल से मुलाकात की है. अल्पेश की मुलाकात से गुजरात की राजनीति में सरगर्मी तेज हो गई है. अल्पेश ठाकोर और धवलसिंह झाला मुलाकात के बाद रवाना हुए. अल्पेश ठाकोर द्वारा बीजेपी ज्वाइन करने के कयास लोग दोबारा लगाए जा रहे है. अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर राधनपुर सीट से निर्वाचित हुए थे. उन्होंने गत 10 अप्रैल को यह दावा करते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था कि वह और उनके ठाकोर समुदाय को कांग्रेस की ओर से अपमान और धोखा मिला है.


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ठाकोर ने यद्यपि न तो कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से और ना ही विधानसभा से ही इस्तीफा दिया है. वह ठाकोर समुदाय के संगठन ठाकोर सेना के प्रमुख भी हैं. ठाकोर ने जब पार्टी पदों से इस्तीफा दिया था तब उस समय वह बिहार के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी थे. इसके साथ ही वह लोकसभा चुनाव के लिए गुजरात कांग्रेस की कई प्रमुख समितियों के सदस्य भी थे. इस्तीफा देने के बाद ठाकोर ने ‘ठाकोर सेना’ के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना शुरू कर दिया था जो कि बनासकांठा लोकसभा सीट के साथ ही ऊंझा विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.


गुजरात : अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस छोड़ी, बीजेपी में शामिल होने पर दिया यह जवाब



उसके बाद गुजरात कांग्रेस इकाई प्रमुख अमित चावडा ने कहा था कि कांग्रेस ने असंतुष्ट नेता अल्पेश ठाकोर की, पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए एक विधायक के तौर पर सदस्यता समाप्त कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. चावडा ने संवाददाताओं से कहा भी था, ‘‘अल्पावधि में ही कांग्रेस ने उन्हें पार्टी में महत्‍वपूर्ण पद दिये. गुजरात की राजनीति में यह अप्रत्याशित था. यद्यपि पार्टी में इतना सम्मान मिलने के बावजूद उन्होंने अपनी निजी महत्वाकांक्षा को पार्टी हित के ऊपर रखने का चयन किया. पार्टी में ऐसे व्यक्ति के लिए कोई स्थान नहीं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक विधायक के तौर पर उनकी सदस्यता समाप्त कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यदि पार्टी के लिए काम करने में उनकी रुचि नहीं है तो उन्हें राधनपुर सीट (पाटण जिले में) से इस्तीफा दे देना चाहिए.’’