नई दिल्ली: भीम आर्मी वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे सपा-बसपा उम्मीदवार तेज बहादुर यादव के पक्ष में प्रचार करेगी. दलित संगठन के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने मंगलवार को यह बात कही. चंद्रशेखर ने 17 अप्रैल को वाराणसी से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के अपने फैसले को रद्द करते हुए कहा कि उनका संगठन सपा-बसपा गठबंधन का समर्थन करेगा और दलित वोट बीजेपी को हराने के लिए एकजुट रहने चाहिए.


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भीम आर्मी प्रमुख ने कहा कि वह यादव के पक्ष में प्रचार करने के लिए सप्ताहांत में वाराणसी में होंगे. बीएसएफ जवान यादव को 2017 में भोजन की गुणवत्ता के बारे में शिकायत करने वाले उनके वीडियो के लिए बर्खास्त कर दिया गया था. उन्होंने कहा, "मैं उनके लिए प्रचार करुंगा, ना केवल इसलिए कि वह सपा-बसपा उम्मीदवार हैं बल्कि इसलिए कि हमारे दिल में सशस्त्र बलों के लिए बड़ा सम्मान है जबकि बीजेपी ने वोटों के लिए सुरक्षाबलों की वीरता का दुरुपयोग किया." चंद्रशेखर ने कहा, "यादव देश के असली चौकीदार हैं और वह फर्जी चौकीदार को हराएंगे. दलित समुदाय हर संभव तरीके से उनका समर्थन करेगा." 


तेज बहादुर का नामांकन हो सकता है खारिज
बीएसएफ़ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर का नामांकन खारिज किया जा सकता है. तेज बहादुर यादव वाराणसी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं. जिला निर्वाचन कार्यालय ने तेज बहादुर यादव से चुनाव आयोग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लाकर जमा करने का निर्देश दिया है. इस प्रमाणपत्र को जमा करने के लिए तेज बहादुर यादव को एक दिन का समय दिया गया है. यह प्रमाणपत्र उन्हें 1 मई को सुबह 11 बजे तक जमा करना है. प्रमाणपत्र जमा ना करने की स्थिति में उनका नामांकन निरस्त किया जा सकता है.


इस विषय में तेज बहादुर यादव का कहना है कि नामांकन के वक्त उनसे इस तरह के किसी भी प्रमाणपत्र की मांग नहीं की गई. यदि मेरे नामांकन फोरम में किसी भी तरह की कमी थी तो मुझे उसी वक्त बताना चाहिए था. मंगलवार तीन बजे जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा मुझसे अनापत्ति प्रमाणपत्र जमा करने के लिए कल 11 बजे तक का समय दिया गया. कल 11 बजे तक अनापत्ति प्रमाणपत्र लाना किसी भी कीमत पर संभव नहीं है. इससे यह बात साफ दिख रही है की प्रधानमंत्री मोदी जी का निर्वाचन कार्यालय पर दबाव है.