भोपाल: बीजेपी भले ही प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से अपना उम्मीदवार बनाकर सीना तान रही हो, लेकिन साध्वी की उम्मीदवारी ने पार्टी को परेशानी में डाल कर रखा है. डर इतना है आखिरी वक्त में बीजेपी ने मौजूदा सांसद आलोक संजर को डमी कंडीडेट के तौर पर मैदान में उतार दिया. दरअसलबीजेपी को डर है कि कहीं प्रज्ञा सिंह ठाकुर की उम्मीदवारी निरस्त न हो जाए. उनके स्वास्थ्य को लेकर भी उनके करीबियों के बीच चिंता बनी रहती है. सियासी तौर पर आशंका यह भी है उनका नामांकन फॉर्म नामंजूर करने का षडयंत्र भी रचा जा सकता है, इसीलिए बीजेपी ने एहतियातन आलोक संजर को फॉर्म भरने के निर्देश दे दिए. आलोक संजर साफ करते हैं कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नामांकन मंजूर होते ही वह अपना फॉर्म वापस ले लेंगे. अब हम आपको बताते हैं कि बीजेपी को आखिर कौनसा डर सता रहा है जिनकी वजह से डमी कैंडिडेट उतारना पड़ा.


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- साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नामांकन निरस्त करने के लिए मालेगांव ब्लास्ट के पीड़ितों ने कोर्ट में अर्जी लगा रखी है, इस पर फैसला आना बाकी है.
- ऐसी ही एक अर्जी एनआईए के समक्ष लगी थी. जिस पर एनआईए ने कहा है कि चुनाव निरस्त करने का फैसला लेने का अधिकार चुनाव आयोग को है.
- भोपाल जिला निर्वाचन अधिकारी ने साध्वी प्रज्ञा पर बाबरी ढांचा ढहाए जाने को लेकर दिए गए बयान पर एफआईआर दर्ज कराई है.
- सियासी हलकों में शक यह भी जताया जा रहा है कि साध्वी प्रज्ञा पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप होने की वजह से उनका नामांकन निरस्त करने के लिए बड़ी शक्तियां षड्यंत्र रच रही हैं.


 



इसलिए बीजेपी को अब अपना एहतियातन स्टैंड रखते हुए डमी कैंडिडेट को उतारना पड़ा. इससे पहले के चुनावों में भी बीजेपी कई दफा डमी कैंडिडेट उतार चुकी है. कांग्रेसी इस मामले में बीजेपी को डरा हुआ बताती है. कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा कहते हैं कि बीजेपी को साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर कमजोर लग रही है. बीते दिनों उनके बयानों को लेकर देशभर में जिस तरह से विरोध हुए उसके बाद अब बीजेपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से पल्ला झाड़ना चाहती है. 


बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक आशीष शर्मा का कहना है कि डरी हुई तो कांग्रेस है. राष्ट्रीयता और भगवा आतंकवाद का मुद्दा कांग्रेस को भारी पड़ रहा है। यह चुनाव अब महल भोपाल लोकसभा सीट तक सीमित नहीं रह गया है बल्कि राष्ट्र को संदेश देने वाला चुनाव होगा.