गोरखपुर : यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा की सीट गोरखपुर में फिल्म अभिनेता रवि किशन उलझन में पड़े हैं. रवि किशन के सामने सबसे बड़ी चुनौती गोरखपुर की सीट को वापस मंदिर को लौटाने की है. वहीं निषाद बहुल सीट पर सपा बसपा गठबंधन से राम भुवाल निषाद ताल ठोक रहे हैं. कांग्रेस ने गोरखपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मधुसूदन तिवारी को टिकट दे दिया है. ब्राह्मण उम्मीदवार होने की वजह से वह ब्राह्मण वोटों में सेंधमारी कर सकते हैं.


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रवि किशन अपना प्रचार जोरशोर से कर रहे हैं. चुनाव में रवि किशन अपने स्टारडम का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं. साथ ही वहां योगी आदित्यनाथ के नाम का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं. ज़ी मीडिया से बातचीत में रवि किशन ने कहा कि वह गोरखपुर की जनता से यह अपील कर रहे हैं कि गोरखपुर सीट वापस योगी आदित्यनाथ और मंदिर को लौटा दें.


 



रवि किशन गोरखपुर शहर के वोटरों को लुभाने के लिए यहां एक गुरुद्वारे में भी पहुंचे और वहां अरदास में हिस्सा लिया. वहां मत्था टेका. इस दौरान ज़ी मीडिया की टीम रवि किशन के साथ रही. रवि किशन कहते हैं कि वह सांप्रदायिक सदभाव का संदेश देने यहां आए. रवि किशन पर यह भी आरोप लग रहा है कि वह बाहरी उम्मीदवार हैं. रवि किशन इन आरोपों से इनकार करते हैं और कहते हैं कि उनके राजनीतिक विरोधी जानबूझकर उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं और यह बात उड़ाने की कोशिश कर रहे हैं.


ज़ी मीडिया से बातचीत में रवि किशन यह भी कहते हैं कि अगर गोरखपुर की जनता उनको चुन लेगी तो मुख्यमंत्री भी यहीं के हैं तो वह दोनों लोग मिलकर गोरखपुर को विकास के रास्ते पर आगे ले जाएंगे और वह गोरखपुर की जनता से यह वादा करते हैं कि गोरखपुर के विकास में वह पीछे नहीं रहेंगे.


रवि किशन ने पिछला लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर लोकसभा सीट से लड़ा था और बेहद कम वोट मिले थे. जब ज़ी मीडिया ने रवि किशन से यह सवाल पूछा कि वह तो जौनपुर से लड़े थे, अब गोरखपुर क्यों आ गए. इस पर उन्‍होंने कहा कि वह मानते हैं कि हमसे गलती हो गई. उल्टा सवाल करते हैं कि आपने भी जीवन में एक दो बार गलती की होगी और इस गलती से वह सबक सीख रहे हैं.


रवि किशन यह भी भरोसा दिलाते हैं कि अब वह बीजेपी में ही रहेंगे और गोरखपुर को छोड़कर नहीं जाएंगे. किसी क्षेत्र के उम्मीदवार को टिकट ना देकर रवि किशन को टिकट क्यों मिला है. इस सवाल के जवाब में रवि किशन कहते हैं कि यहां कुछ लोग जरूर टिकट मांग रहे थे लेकिन योगी आदित्यनाथ ने सबको समझा दिया है और कोई हमारा विरोध नहीं कर रहा है बल्कि हम सभी लोग चौकीदार हैं और चौकीदार अपने नेता का कहना मानता है.