नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. बिहार में मधुबनी सीट महागठबंधन के सहयोगी दल के पास जाने के बाद से शकील अहमद आलाकमान को इस पर पूर्ण विचार करने को कह रहे थे. वहीं, आरजेडी नेता असरफ फातमी ने भी पार्टी को इसके लिए अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी. अब शकील अहमद ने मधुबनी सीट से नामांकन कराने का फैसला कर लिया है और पार्टी से इस्तीफा देने के लिए राहुल गांधी को चिट्ठी भेज दी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शकील अहमद ने कांग्रेस के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भी भेज दिया है. हालांकि कहा जा रहा है कि उन्होंने पूर्ण विचार के लिए 18 तारीख तक अल्टीमेटम दे दिया है. लेकिन वह मधुबनी सीट से मंगलवार को नामांकन करने का फैसला किया है.



शकील अहमद ने कहा है कि वह मधुबनी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने को तैयार है. इसलिए वह मंगलवार को नामांकन भी कराएंगे. बता दें कि महागठबंधन में मधुबनी सीट वीआईपी पार्टी के खाते में गई है. और पार्टी ने बद्री कुमार पूर्वे को यहां से उम्मीदवार घोषित किया है.



इससे पहले आरजेडी नेता अली असरफ फातमी ने भी पार्टी छोड़ने के संकेद दिए थे. उन्होंने पार्टी को 18 तारीख तक का अल्टीमेटम दिया है. जिसके बाद उन्होंने ने भी मधुबनी सीट से नामांकन कराने का दावा किया है. हालांकि उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस शकील अहमद को सिंबल दे देती है तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे.


फातमी ने कहा था कि उनकी बात लालू यादव और तेजस्वी यादव से मधुबनी सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर हो गई थी. लेकिन अंतिम समय में किस तरह की साजिश की गई जो सीट वीआईपी को दे दिया गया. वहीं, फातमी ने शकील अहमद के नाम को लेकर महागठबंधन को मौका दिया है और कहा है कि इस पर भी विचार किया जा सकता है.


बहरहाल, महागठबंधन में अब फिर से अंदर खाने में जंग छीड़ गई है. मधुबनी सीट को वीआईपी पार्टी को देने के बाद आरजेडी और कांग्रेस दोनों नेताओं ने बगावती तेवर दिखा दिए हैं. ऐसे में देखना यह कि महागठबंधन में मधुबनी सीट के लिए क्या फैसला होता है. अगर इस पर विचार नहीं किया गया तो मधबनी सीट उनके हाथ से निकलते हुई दिख रही है.