नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार के 40 सीटों पर एनडीए ने 39 सीटों पर जीत हासिल की है. एनडीए के सहयोगी दल एलजेपी ने अपने सभी 6 सीटों पर जीत दर्ज किया है. इससे एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान काफी खुश हैं. वहीं, सबकी नजर उनकी परंपरागत लोकसभा सीट हाजीपुर पर भी थी. इस सीट पर उन्होंने अपने भाई पशुपति कुमार पारस को टिकट दिया था.


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पशुपति पारस अपने भाई की विरासत को बचाने के लिए हाजीपुर सीट से मैदान में थे. सभी की नजर इस सीट पर टिकी थी. लेकिन पारस अपने भाई की सीट को बचाने में सफल रहे और यहां से बड़ी जीत हासिल की.


रामविलास पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट से 1977 से चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि, इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया और इस सीट को अपने भाई पशुपति पारस को दे दिया. 1977 से 2014 तक हुए 11 बार लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान को हाजीपुर सीट से केवल तीन बार शिकस्त मिली है.


पासवान ने अपने भाई पर भरोसा जताते हुए हाजीपुर सीट उन्हें सौंप दिया. पारस के सामने आरजेडी उम्मीदवार शिवचंद्र राम की चुनौती थी. लेकिन पारस उन्हें हराने में कामयाब हुए. पशुपति पारस को अपने भाई की विरासती सीट होने का लाभ भी मिला और रामविलास पासवान ने भी अपने भाई की जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी.


हाजीपुर सीट पर पशुपति कुमार पारस को 539665 वोट मिले जबकि, शिवचंद्र राम को 335283 वोट प्राप्त हुए. पारस ने शिवचंद्र राम को 2,04,382 वोटों से कड़ी शिकस्त दी.