नई दिल्ली:  आम धारणा है कि चुनाव के महासमर में उतरने वाले ज्यादातर लोग करोड़पति होते हैं, लेकिन इस धारणा को गलत साबित करते कुछ ऐसे ‘खाकपति’ उम्मीदवार भी इस लोकसभा चुनाव के मैदान में हैं, जिनकी माली हालत, चुनाव लड़ने के इनके जुनून पर हावी नहीं हो पाई है.


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तीसरे चरण के लिए मंगलवार को 15 राज्यों की 116 सीटों पर हो रहे चुनाव में 1612 उम्मीदवारों में से 11 के पास अचल संपत्ति के नाम पर कुछ भी नहीं है. चुनाव आयोग के समक्ष उम्मीदवारों द्वारा पेश अपनी संपत्ति के हलफनामों के विश्लेषण में यह बात सामने आयी है. 


इन 'खाकपति' उम्मीदवारों के सिरमौर, श्रीवैंकटेश्वर महा स्वामीजी हैं. कर्नाटक की बीजापुर सीट पर बतौर हिंदुस्तान जनता पार्टी उम्मीदवार, चुनाव में किस्मत आजमा रहे स्वामीजी ने अपने हलफनामे में खुद को महज नौ रुपये कीमत की चल संपत्ति का 'स्वामी' बताया है. इनके पास अचल संपत्ति 'शून्य' है. 



चुनावी विश्लेषण से संबंधित शोध संस्था एडीआर द्वारा जारी उम्मीदवारों के हलफनामों की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे ही एक तंगहाल उम्मीदवार श्रीजीत पी आर, केरल की वायनाड सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती दे रहे है. निर्दलीय उम्मीदवार श्रीजीत के पास भी अचल संपत्ति शून्य और चल संपत्ति के नाम पर सिर्फ 12 रुपये हैं.


संपत्ति के मामले में नीचे से तीसरे पायदान पर जॉनसन वसंत कोल्हापुरे हैं, जो महाराष्ट्र की पुणे सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. उन्होंने अपनी घोषित संपत्ति 207 रुपये बतायी है.


एटा से एसपी प्रत्याशी सबसे अमीर
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, तीसरे चरण के चुनाव में इन खाकपति उम्मीदवारों की संपत्ति का मुकाबला जिन धनकुबेरों से है, उनमें सबसे धनी उम्मीदवार उत्तर प्रदेश की एटा सीट से सपा प्रत्याशी देवेन्द्र सिंह यादव हैं. उनकी कुल घोषित चल अचल संपत्ति 204 करोड़ रुपये है. 


वहीं, महाराष्ट्र की सतारा सीट से राकांपा उम्मीदवार भोंसले श्रीमंत छत्रपति उदयराजे प्रताप सिंह महाराज हैं. उन्होंने कुल 199 करोड़ रुपये की चल अचल संपत्ति घोषित की है. उत्तर प्रदेश की बरेली सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार प्रवीण सिंह अरुण के पास 147 करोड़ रुपये की चल अचल संपत्ति है.


संपत्ति विहीन उम्मीदवारों की फेहरिस्त में बहुजन मुक्ति पार्टी के जेपी लदकभाई, भारतीय ट्राइबल पार्टी के बी वंसाभाई खुलाट, नवसृजन भारत पार्टी के एच आर भानाभाई, भारतीय पीपुल्स पार्टी के शंकर जाधव और निर्दलीय उम्मीदवार एम एस खानगौडकर, डी एस खातरभाई, सुरेश कुमार, तावर विजय जगन, एच एस रामजन, ए आर शेख और आर वी महापुरे शामिल हैं. इनके हलफनामे में उम्मीदवार और उसके जीवनसाथी के पास अचल संपत्ति ‘शून्य’ बताई गई है. 


इन प्रत्याशियों की है सबसे अधिक व्यक्तिगत वार्षिक आय
तीसरे चरण में सर्वाधिक व्यक्तिगत वार्षिक आय वाले उम्मीदवारों में ओडिशा की पुरी सीट से बीजद उम्मीदवार पिनाकी मिश्रा हैं. पेशे से वकील मिश्रा की सालाना आय 24 करोड़ रुपये है. उनके पास 117 करोड़ रुपये कीमत की चल अचल संपत्ति है. इसके बाद महाराष्ट्र की बारामती सीट से एनसीपी की उम्मीदवार सुप्रिया सुले की पारिवारिक सालाना आय नौ करोड़ रुपये से अधिक है. इसमें सुले की व्यक्तिगत आय 1.29 करोड़ रुपये है. पेशे से कारोबारी सुले के पास 140 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की चल अचल संपत्ति है. 


महाराष्ट्र की माधा सीट से बीजेपी उम्मीदवार हिंदूराव नाइक निंबालकर की सालाना पारिवारिक आय छह करोड़ रुपये है. इसमें उनकी व्यक्तिगत आय तीन करोड़ रुपये है. निंबालकर, तीसरे चरण के उम्मीदवारों में सर्वाधिक देनदारी वाले उम्मीदवार भी हैं. उनके ऊपर 89.63 करोड़ रुपये की देनदारी है. 


उनके बाद कर्नाटक की बेलगाम सीट से कांग्रेस उम्मीदवार वी साधुनावर पर 22.5 करोड़ रुपये और गुजरात में पोरबंदर से बीजेपी उम्मीदवार रमेश भाई धानुक के पास 21.79 करोड़ रुपये की देनदारी है.


उल्लेखनीय है कि तीसरे चरण के चुनाव में कुल 1612 उम्मीदवार हैं. इनमें एक करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति वाले प्रत्याशियों की संख्या 392 (25 प्रतिशत) है. इनमें सर्वाधिक करोड़पति उम्मीदवार बीजेपी के (97 में से 81) हैं. कांग्रेस के 90 में 74 (82 प्रतिशत) और सपा के 10 में से नौ (90 प्रतिशत) उम्मीदवार करोड़पति हैं. तीसरे चरण में औसतन प्रत्येक उम्मीदवार के पास 2.95 करोड़ रुपये की संपत्ति है.