आज आ सकती है BJP उम्मीदवारों की पहली सूची, मप्र में 12 सांसदों के कटेंगे टिकट!
लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों का ऐलान हो चुका है. सभी की नजरें इस बात पर लगी हुई हैं कि बीजेपी की पहली लिस्ट में किसे टिकट मिलेगा और किसका पत्ता साफ होगा.
नई दिल्ली: भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक शनिवार को होगी जिसके बाद पार्टी लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची जारी कर सकती है. इस सूची में अधिकतर नाम पहले चरण में होने वाले मतदान वाली सीटों से संबंधित होंगे. पहले चरण में 91 सीटों के लिये 11 अप्रैल को मतदान होगा. चुनाव आयोग के कार्यक्रम के मुताबिक, 17वीं लोकसभा की 543 संसदीय सीटों के लिए 11 अप्रैल से 19 मई के बीच कुल सात चरणों में मतदान होने हैं. इसके बाद 23 मई को नतीजा आएगा. भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं पार्टी के शीर्ष नेता शामिल होंगे.
लोकसभा चुनाव के लिये पहले चरण में आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में 42 सीटों के लिये मतदान होगा. इसके अलावा 11 अप्रैल के उत्तरप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा एवं असम की कुछ सीटों पर मतदान होगा. ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि भाजपा अपने कुछ वर्तमान सांसदों का टिकट काट सकती है. इसके साथ ही महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान की कुछ सीटों के लिये उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जा सकती है.
12 से अधिक भाजपा सांसदों का कट सकता है टिकट
राज्य में सत्ताविरोधी लहर से बचने के प्रयास में जुटी भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश के अपने 12 मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं देने का मन बना रही है. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति मध्य प्रदेश से पार्टी के 12 से अधिक वर्तमान सांसदों का टिकट काटने पर विचार कर रही है.’
विधानसभा में बीजेपी को मिली थी हार
उन्होंने कहा कि पिछले साल नवंबर में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 15 साल बाद कांग्रेस के हाथों हार मिली. उस दौरान पार्टी के उस सर्वेक्षण को अनदेखा कर दिया गया जिसमें सिफारिश की गई थी कि प्रदेश के 165 विधायकों में से कम से कम 80 को उनके खराब प्रदर्शन एवं सत्ता विरोधी लहर के चलते टिकट न दिया जाये.
2014 में 18 सांसदों को नहीं दिया था टिकट
वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में देश में चल रही मोदी की लहर के चलते भाजपा को प्रदेश की 29 में से 27 सीटें मिली थी. तब कांग्रेस सिर्फ गुना और छिंदवाड़ा सीटें बचा सकी थी. छिंदवाड़ा से मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ जीते थे, जबकि गुना से सिंधिया राजघराने के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया. ये दोनों सीटें कांग्रेस की गढ़ कहलाते हैं. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने अपने 18 सांसदों को दुबारा चुनावी मैदान में नहीं उतारा था.