नई दिल्‍ली : लोकसभा चुनाव 2019 के तहत बीजेपी के प्रचार में जुटे पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार को यूपी के प्रतापगढ़ के बाद बस्‍ती में चुनावी रैली कर रहे हैं. इस दौरान उन्‍होंने सपा, बसपा और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. उन्‍होंने कहा कि महामिलावटी लोग 23 मई के बाद आपस में ही लड़ेंगे. अभी जो पहले आप-पहले आप वाले लखनवी मिजाज से बाते करते थे. वो अब एक-दूसरे का गला काटने का खेल खेल रहे हैं. 23 मई के बाद वे कहेंगे आप कौन, आप कौन.


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उन्‍होंने कहा कि पाकिस्तान की करतूतों को लेकर पहले हमारी सरकार रोती रहती थी. उनको देश के दुश्मनों से ज्यादा अपने वोटबैंक की चिंता रहती थी. वो भी एक वक्त था हिंदुस्तान के रोते हुए नेता दिखते थे, आज भी एक वक्त हैं जब पाकिस्तान रोता फिर रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में भारत को आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में बहुत बड़ी सफलता हाथ लगी है. अनेक भारतीयों और हमारे जवानों का खून बहाने वाले मसूद अजहर को दुनिया की सबसे बड़ी संस्था ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया.



पीएम मोदी ने कहा कि हमारी तो कार्य संस्‍कृति ही लक्ष्य तय करने और उसे पूरा करने की है. महामिलावटी गठबंधन और एनडीए की कार्य संस्कृति एक दूसरे से काफी अलग है. हम सरकार को दिल्ली से बाहर ले जाना चाहते हैं, वहीं महामिलावटी लोग पद के लालच में दिल्ली आने को आतुर हैं. उन्‍होंने कहा कि जो 8 सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं वो भी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार हो गए हैं. जो 20 सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं उनके मुंह में पानी छूट रहा है. जो 40 सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं उन्होंने कपड़े सिलवाने के लिए दे दिए हैं.


पीएम मोदी ने कहा, 'सत्ता के लिए सिद्धांतों को कैसे पांव तले रौदा जाता है, सपा, कांग्रेस, बसपा इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं. इन तीनों को वोट बैंक के गुणा गणित की ऐसी बुरी लत लगी है कि वो इंसान को भी एक मात्र गिनती और वोट का पताका समझते हैं.'


पीएम मोदी ने कहा कि विकास को ध्यान में रखते हुए आपने जो मजबूत सरकार दिल्ली में बनाई थी, उसने पूरी मजबूती से काम किया है. आज आपका ये सेवक जब दुनिया के मंचों पर जाता है तो 130 करोड़ भारतीयों की शक्ति का अहसास होता है.


पीएम मोदी ने बसपा प्रमुख मायावती पर भी निशाना साधा. उन्‍होंने कहा कि बहन जी ने ट्वीट किया कि उनकी सरकार के दौरान हिंसक वारदातें कम होती थीं. मैं इनका कच्चा चिट्ठा आपके सामने रखता हूं. 23 मई 2007 को गोरखपुर में सीरियल बम धमाके हुए थे तब किसी सरकार थी? छह महीने बाद अयोध्‍या, वाराणसी और लखनऊ में सीरियल ब्लास्ट हुए तब किसकी सरकार थी? 2008 में रामपुर के सीआरपीएफ कैंप पर हमला हुआ तब किसकी सरकार थी? 2010 में काशी में दशाश्वमेध घाट पर जो बम फटा था, तब किसकी सरकार थी? उन्‍होंने आगे कहा कि बहन जी, सत्ता के लिए आप निर्दोषों के खून के वो निशान भूल सकती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता नहीं भूल सकती.