नई दिल्ली: लोकसभा की 543 में से 542 सीटों पर मतों की गणना शुरू हो गई है. 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में पहली बार ईवीएम के मतों का सत्यापन करने के लिए वीवीपीएटी की पर्चियों से मिलान किए जाने के कारण चुनाव परिणाम घोषित होने में थोड़ा विलंब हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में किसी एक विधानसभा क्षेत्र के किन्हीं पांच मतदान केन्द्रों की वीवीपीएटी मशीनों की पर्चियों का मिलान ईवीएम के मतों से किया जाएगा.


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तमिलनाडु की वेल्लोर सीट पर गड़बड़ी की शिकायतों के बाद आयोग ने मतदान स्थगित कर दिया था. इस बार हाथों से डाक मतपत्रों को गिनने के कारण लगने वाले अतिरिक्त समय को बचाने के लिए डाक मतपत्रों और ईवीएम के मतों की गणना एक साथ की जाएगी.


मतदान के बाद आए एग्जिट पोल के अधिकतर नतीजों में बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के फिर से सत्ता में आने की संभावना जताई गई है. सबसे बड़ा सवाल यही है क्या एग्जिट पोल अंतिम नतीजों में बदलेंगे? चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर करारा प्रहार किया. उत्तर प्रदेश और बिहार में विपक्ष ने महागठबंधन बनाकर बीजेपी की कोशिश की है. हालांकि एग्जिट पोल के नतीजे बता रहे हैं कि गठबंधन भी पीएम मोदी की राह नहीं रोक पाएगा. 


 



प्रेसिंडेंशियल स्टाइल में लड़ा चुनाव
इस बार का चुनाव कई मायनों में अहम है. पीएम मोदी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कई बार जनता से कहा कि उनका एक-एक वोट सीधे उनके खाते में आएगा. मतलब साफ है कि पीएम मोदी ने जनता की जो भी नाराजगी स्थानीय नेताओं, सांसदों से थी, उसे कम करने का भरसक प्रयास किया. इस तरह से व्यापक संदर्भ में देखा जाए तो पीएम मोदी ने हर सीट पर चुनाव लड़ा. भारत में चुनाव की पद्धति प्रेंसिडेंशियल जैसी कर दी. देखना होगा कि पीएम मोदी का यह प्रयोग कितना सफल होता है. 


क्या प्रो इनकंबेसी देखने को मिलेगी?
पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान कई न्यूज चैनलों को दिए साक्षात्कार में दावा किया कि यह पहला चुनाव है जब प्रो - इनकंबेसी देखने को मिल रही है. प्रो - इनकंबेसी यानी सत्ता के पक्ष में लहर. एग्जिट पोल के नतीजों से इसकी पुष्टि कर रहे हैं. सरकार विरोधी लहर (एंटी इनकंबेसी) देखने को नहीं मिल रही. सभी एग्जिट पोल एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें दे रहे हैं. अगर ऐसा हुआ तो यह अपने आप में बीजेपी की बड़ी उपलब्धि होगी.