साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने दूसरे दिन भी मंदिरों में की पूजा-अर्चना, गाए भजन
चुनाव आयोग द्वारा प्रचार पर रोक लगाए जाने के फैसले के बाद मध्य प्रदेश के भोपाल संसदीय क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने दूसरे दिन शुक्रवार को भी मंदिरों में पहुंचकर पूजा-अर्चना की. इस मौके पर प्रज्ञा ने ढोलक बजाए और भजन भी गए.
भोपाल: चुनाव आयोग द्वारा प्रचार पर रोक लगाए जाने के फैसले के बाद मध्य प्रदेश के भोपाल संसदीय क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने दूसरे दिन शुक्रवार को भी मंदिरों में पहुंचकर पूजा-अर्चना की. इस मौके पर प्रज्ञा ने ढोलक बजाए और भजन भी गए. निर्वाचन आयोग ने प्रज्ञा के चुनाव प्रचार पर गुरुवार सुबह छह बजे से 72 घंटे की रोक लगा रखी है. उन्होंने शुक्रवार को जैन मंदिर, दुर्गा व हनुमान मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना करने के बाद ढोल बजाए और भजन गाए.
बीजेपी उम्मीदवार के साथ विधायक विश्वास सारंग भी थे. उनसे पूछा गया कि कांग्रेस ने प्रज्ञा ठाकुर के मंदिरों में जाने पर आपत्ति दर्ज कराई है. इस पर सारंग ने कहा, "कांग्रेस का जोर चले तो वह लोगों के मंदिर जाने तक पर रोक लगा दे. यह तो मंदिर जाना हमारा अधिकार है, इसे कोई रोक नहीं सकता."
ज्ञात हो कि प्रज्ञा ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा था, "बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने का अफसोस नहीं है. ढांचा गिराने पर तो हम गर्व करते हैं. हमारे प्रभु रामजी के मंदिर पर अपशिष्ट पदार्थ थे, उनको हमने हटा दिया."
प्रज्ञा ने आगे कहा था, "हम गर्व करते हैं, इस पर हमारा स्वाभिमान जागा है, प्रभु राम जी का भव्य मंदिर भी बनाएंगे. ढाचा तोड़कर हिंदुओं के स्वाभिमान को जागृत किया है. वहां भव्य मंदिर बनाकर भगवान की आराधना करेंगे, आनंद पाएंगे."
भोपाल में प्रज्ञा का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह से है. प्रज्ञा गुरुवार सुबह से 72 घंटे के चुनाव प्रचार पर रोक लगने के बाद से मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना कर रही हैं. शुक्रवार को भी यही सिलसिला जारी रहा. प्रज्ञा ने चुनाव आयोग से क्षमा याचना के साथ प्रचार पर रोक लगाए जाने की अवधि कम किए जाने का आग्रह किया, वहीं कांग्रेस ने प्रज्ञा के प्रचार करने के तरीके पर आपत्ति दर्ज कराते हुए गुरुवार को चुनाव आयोग से शिकायत की थी.
प्रज्ञा ने इससे पहले मुम्बई के एटीएस प्रमुख रहे शहीद हेमंत करकरे पर विवादित बयान दिया था. मामले के तूल पकड़ने पर उन्होंने बयान वापस लेते हुए माफी भी मांग ली थी. देानों मामलों मे चुनाव आयोग ने प्रज्ञा को नोटिस जारी किया था. उसके बाद बाबरी मस्जिद के बयान पर थाने में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का प्रकरण भी दर्ज हुआ था.