संघ को लेकर अपना रुख स्पष्ट करे कांग्रेस, तभी होगा गठबंधन: प्रकाश आंबेडकर
भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष हैं प्रकाश आंबेडकर.
नई दिल्ली : भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कहा है कि जब तक कांग्रेस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं करती तब तक उनके साथ गठबंधन नहीं किया जाएगा. इसी के कारण कांग्रेस से सीटों के बंटवारे पर कोई भी फैसला नहीं हुआ है.
आंबेडकर की भारिप बहुजन महासंघ और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने मिलकर वंचित बहुजन आघाडी यानी गठबंधन किया है.
महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले हैं. जो कि अपने-अपने तरीके से वंचित बहुजन आघाड़ी से गठबंधन में लाने के लिए कोशिश कर रहे हैं. लेकिन अब तक कुछ बात बनती नजर नहीं आ रही है. पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक चव्हाण, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और एनसीपी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल ने प्रकाश आंबेडकर से बात की थी. सभी लोगों के बीच गठबंधन को लेकर यह बातचीत हुई थी. लेकिन सफलता नहीं मिली.
प्रकाश आंबेडकर बार-बार कांग्रेस को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस पर अपनी भूमिका स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं. जिस बारे में कांग्रेस ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है. प्रकाश आंबेडकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को आतंकी संगठन कहते हैं. क्या आरएसएस देश की सुरक्षा को लेकर पुलिस और सेना को नहीं मानता. यह सवाल बार-बार प्रकाश आंबेडकर उठा रहे हैं. कई बार तो उन्होंने आरएसएस पर बैन लगाने की मांग भी की है. ऐसे में आंबेडकर मांग कर रहे हैं कि गठबंधन के जरिये कांग्रेस-एनसीपी से जुड़ने से पहले कांग्रेस आरएसएस पर अपनी भूमिका स्पष्ट करे.
प्रकाश आंबेडकर और असदुद्दीन ओवैसी का एकसाथ आना महाराष्ट्र के कांग्रेस और एनसीपी के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है. क्योंकि बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बनाने वाली महाराष्ट्र की यह प्रमुख विपक्षी पार्टियां हैं. अलग-अलग लड़ने से वोटों का बंटवारा होगा और इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा यह तय है. इसलिए वंचित बहुजन गठबंधन को साथ में लेने का प्रयास दोनो दल कर रहे हैं.
एनसीपी-कांग्रेस महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 22-22 सीटोंपर अपने उम्मीदवार खडे करने के फॉर्मुले पर पहुंची हैं. जिसपर अब भी मुहर लगना बाकी है. अगर वंचित बहुजन आघाडी के साथ गठबंधन की बात आगे बढती है, तो दोनो पार्टियां अपने-अपने कोटे में से अपनी सीटें आघाडी के लिए छोडेंगी. ऐसा माना जा रहा था. लेकिन अब उसकी उम्मीद कम ही नजर आ रही है.
प्रकाश आंबेडकर की कांग्रेस के साथ बात आगे बढ़ती देख पिछली कई सभाओं में असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र में संयुक्त सभा करने से अपने आपको दरकिनार कर दिया था. लेकिन अब जब आंबेडकर यह साफ कर चुके है की कांग्रेस के साथ नही जाएंगे, तो ओवेसी फिरसे एक्टिव होते दिख रहें है.
वंचित बहुजन आघाडी की सभाओं को अच्छी भीड जुट रहीं है. पिछडी जाती और मुस्लिम समुदाय के वोट बैंक आघाडी के पास है. जिसपर सवार होकर वह महाराष्ट्र की राजनिती में बदलाव लाना चाहती है. औरंगाबाद और मुंबई जैसे मुस्लिमबहुल जिलो में ओवेसी की पार्टी एमआयएम पिछले विधानसभा चुनाव में अच्छी प्रदर्शन कर चुकी है. जो कांग्रेस-एनसीपी की सिरदर्द बन चुकी है. कांग्रेस पार्टी ओवैसी को बीजेपी की बी टीम कहती है. जिसको लेकर भी ओवैसी महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ जाने में कतरा रहे है. पिछले दो-तीन सभाओं में वंचित बहुजन आघाडी के मंच से गायब रहे ओवैसी फिर से मंच पर आने की तैयारी में जुट चुके है.