नई दिल्लीः महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय कर लिया गया है. और इसकी अधिकारिक घोषणा भी कर दी गई है. जिसमें आरजेडी को 20 सीट जिसमें एक सीट सीपीआई(माले) को दिया जाएगा. कांग्रेस को 9, आरएलएसपी 5, हम 3 और वीआईपी पार्टी को 3 सीट दी गई है. काफी खींचतान के बाद महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला आखिर तय हो गया है. लेकिन इसमें उपेंद्र कुशवाहा को महागठबंधन में आने का फायदा मिला है.


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महागठबंधन में आकर उपेंद्र कुशवाहा की बांछें खिल गई है. जिस सीट की संख्या को लेकर उन्होंने एनडीए से नाता तोड़ा था अब उसका फायदा उन्हें गठबंधन में मिल गया है. महागठबंधन में आने के बाद भी उनके सीटों की संख्या पर संशय बना हुआ था. माना जा रहा था कि उन्हें तीन सीटें ही दी जाएगी. महागठबंधन के नेताओं का भी यही मानना था कि उन्हें 3 से अधिक सीट नहीं मिलेगी. लेकिन उन्हें 5 सीटें मिली है.


वहीं, जीतनराम मांझी जो 5 सीटों का लगातार दावा कर रही थी. और खुद को कांग्रेस के बराबरी का दल मान रही थी उन्हें 3 सीट पर ही समझौता करना पड़ा है. जीतनराम मांझी ने आरएलएसपी से अधिक और कांग्रेस से आधी सीटों की मांग रखी थी. साथ ही कहा था कि अगर उन्हें 5 सीट नहीं मिली तो वह आगे का फैसला करेंगे.



हालांकि लगता है कि वह अपने समझौते से खुश हैं. माना जा रहा है कि उन्होंने औरंगाबाद सीट को लेकर 3 सीट पर ही समझौता कर लिया है. साथ ही विधानसभा उपचुनाव में भी उन्हें एक नवादा सीट दी गई है. हम के तीन सीटों में गया और औरंगाबाद दो सीटों का ऐलान हो गया है. जिसपर पहले चरण में मतदान होगा. लेकिन अभी एक सीट कौन सी होगी इसका ऐलान अभी बांकी है.


वहीं, उपेंद्र कुशवाहा को 5 सीट में किस-किस सीटों पर उम्मीदवारी दी गई, इसका भी अभी ऐलान नहीं किया गया है. माना जा रहा है कि एनडीए के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद महागठबंधन भी सभी सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा कर देगा. या फिर फेज वाइज ही उम्मीदवारों का ऐलान हो सकता है.