मुंबई: शिवसेना ने मंगलवार को भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार दोबारा सत्ता (lok sabha elections 2019) में आयेगी क्योंकि एक्जिट पोल के नतीजे भाजपा नेतृत्व वाले राजग के पक्ष में 'स्पष्ट रूझान' दिखा रहे हैं. शिवसेना ने इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन एवं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की ‘‘कड़ी मेहनत’’ की तारीफ की और कहा कि नई लोकसभा में उनकी पार्टी को विपक्ष के नेता पद के लिये पर्याप्त सीटें मिल जायेंगी.


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अधिकतर एक्जिट पोल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के एक और कार्यकाल का पूर्वानुमान जताया है. कुछ एक्जिट पोल में भाजपा नीत राजग को 300 से अधिक सीटें मिलने और लोकसभा में आराम से 272 का बहुमत का आंकड़ा पार करने का पूर्वानुमान जताया गया है.


पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है, ‘‘मोदी सरकार दोबारा चुनकर आयेगी, ऐसा कहने के लिये अब राजनीतिक पंडितों की कोई आवश्यकता नहीं है. जमीनी हालत ऐसी थी कि लोग मोदी को सत्ता में लाने के लिये अपना मन बना चुके थे.’’ मराठी दैनिक ने दावा किया, ‘‘महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा गठबंधन ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगा.’’



विपक्षी दलों पर साधा निशाना
शिवसेना ने लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए एकजुट होने की कोशिश करने वाले विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि कई छोटे दलों के समर्थन से ‘‘रेंगने वाली’’ गठबंधन सरकार देश हित में नहीं है. शिवसेना ने विपक्षी दलों का गठबंधन तैयार करने की तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की कोशिश को लेकर उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह इधर से उधर भाग कर स्वयं को व्यर्थ ही थका रहे हैं क्योंकि इस ‘‘संभावित गठबंधन’’ के 23 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद टिके रहने की कोई गारंटी नहीं है.


लोकसभा चुनाव के लिए मतदान रविवार को समाप्त हुआ था और मतगणना बृहस्पतिवार को होगी. अधिकतर एक्जिट पोल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने का अनुमान जताया है. कुछ एक्जिट पोल ने भाजपा नीत राजग को 300 से अधिक सीट मिलने का अनुमान व्यक्त किया है.


शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में कहा, ‘‘इस महागठबंधन में प्रधानमंत्री पद के कम से कम पांच उम्मीदवार हैं.... मौजूदा संकेतकों के बाद उनका मोहभंग होने की आशंका दिखाई दे रही है.’’  इसमें कहा गया है, ‘‘कई छोटे दलों की मदद से रेंगने वाली गठबंधन सरकार देशहित में नहीं है.’’ 


संपादकीय में पिछले कुछ दिनों में नायडू की विपक्ष के कई नेताओं के साथ बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि परिणाम की घोषणा के बाद दिल्ली (केंद्र) में हालात अस्थिर होंगे और ‘‘वे इससे लाभ कमाना चाहते हैं’’. सामना ने कहा गया है, ‘‘विपक्ष ने मान लिया है कि भाजपा सत्ता में नहीं आएगी, इसलिए वे भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए सभी संभावित दलों का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.’’ 


इसमें लिखा गया है, ‘‘नायडू गठबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वास्तव में उनके प्रयासों का कोई फल नहीं मिलने वाला. उन्होंने राकांपा प्रमुख शरद पवार से दिल्ली में दो बार मुलाकात की, लेकिन इस संभावित गठबंधन के 23 मई की शाम तक बने रहने की कोई गारंटी नहीं है.’’ 


पार्टी ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में वामदलों का खाता खुलने की संभावना कम है और आम आदमी पार्टी का पंजाब, दिल्ली और हरियाणा में भी यही हश्र होगा. केरल में भी वाम का आधार घटेगा. पार्टी ने कहा, ‘‘नायडू को आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस नेता जगनमोहन रेड्डी कड़ी टक्कर देते दिख रहे है. आंध्र प्रदेश के पड़ोसी राज्य तेलंगाना में भी नायडू की तेदेपा और कांग्रेस की तुलना में के़ चंद्रबाबू राव के नेतृत्व वाली टीआरएस को बड़ी जीत मिलने की संभावना है.’’ 


महाराष्ट्र में राजग को मिलेंगी 45 सीटें : दानवे
इससे पहले महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष राव साहेब दानवे ने सोमवार को कहा कि भाजपा नीत राजग को प्रदेश की 48 में से 45 सीटों पर जीत मिलेगी. गौरतलब है कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन को 2014 के लोकसभा चुनाव में 48 में से 42 सीटें मिली थीं. दानवे ने कहा कि भाजपा और शिवसेना ने 2014 में साथ मिलकर 42 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार उनके खाते में 45 सीटें आएंगी. हम 2014 में जीती कोई सीट नहीं गंवाएंगे. उन्होंने कहा कि विपक्ष को यह सच्चाई मान लेनी चाहिए. लोकसभा चुनाव 2019 के लिए वोटों की गिनती 23 मई को होनी है.