श्रीनगर संसदीय क्षेत्र: फारुख के गढ़ में क्या फिर से लहरा पाएगा नेशनल कांफ्रेंस का परचम?
2019 के लोकसभा चुनाव में श्रीनगर सीट से फारुख अब्दुल्ला नेशनल कांफ्रेंस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, पीडीपी से आगा सैयद मोहसिन और बीजेपी से खालिद जहांगीर चुनावी मैदान में हैं. इस बार, कांग्रेस ने फारुख अब्दुल्ला के समर्थन में श्रीनगर से अपना कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारा है.
नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर की राजधानी श्रीनगर को फिलहाज अब्दुल्ला परिवार का गढ़ माना जाता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में भले ही पीडीपी के तारिक हमीद कर्रा ने श्रीनगर संसदीय सीट से जीत हासिल की हो, पर 2017 के उपचुनाव में फारुख अब्दुल्ला एक बार फिर यहां नेशनल कांफ्रेंस का परचम लहराने में कामयाब रहे थे. फिलहाल, श्रीनगर संसदीय सीट से फारुख अब्दुल्ला सांसद है. 2019 के लोकसभा चुनाव में श्रीनगर सीट से फारुख अब्दुल्ला नेशनल कांफ्रेंस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, पीडीपी से आगा सैयद मोहसिन और बीजेपी से खालिद जहांगीर चुनावी मैदान में हैं. इस बार, कांग्रेस ने फारुख अब्दुल्ला के समर्थन में श्रीनगर से अपना कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारा है.
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श्रीनगर से नेशनल कांफ्रेंस ने जीते 13 में से 10 चुनाव
जम्मू और कश्मीर में पहला लोकसभा चुनाव 1967 में हुआ था. यहां बीते 52 सालों में अब तक कुल 13 लोकसभा चुनाव हुए हैं. जिसमें 2017 का उपचुनाव भी शामिल है. श्रीनगर संसदीय क्षेत्र के इन 13 चुनावों में से 10 चुनावों में नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. वहीं नेशनल काफ्रेंस की इन दस जीतों में सात जीतें अब्दुल्ला परिवार के नाम रही. अब्दुल्ला परिवार से सबसे पहले बेगम अकबर जहां अब्दुल्ला ने 1977 में नेशनल कांफ्रेंस की टिकट पर चुनाव जीता था. 1980 में बेगम अकबर जहां अब्दुल्ला के बेटे फारुख अब्दुल्ला ने यहां से चुनाव जीता. इसके बाद, 1998, 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में फारुख अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुला सांसद चुने गए. 2009 और 2017 के उपचुनाव में फारुख अब्दुल्ला एक बार फिर श्रीनगर से सांसद बने.
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2014 में पीडीपी ने पहली बार जीती श्रीनगर सीट
नेशनल कांफ्रेंस के इस गढ़़ से पीडीपी पहली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में अपना परचम लहराने में कामयाब रही. इस चुनाव में पीडीपी के तारिक हमीद कर्रा ने 1,57,923 वोट हासिल कर जीत दर्ज थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में फारुख अब्दुल्ला को 1,15,642 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी के फयाज अहमद भट को सिर्फ 4467 वोटों से संतोष करना पड़ा था. इस चुनाव में 4979 मतदाताओं ने नोटा को अपना वोट दिया था. वहीं नौ प्रत्याशी ऐसे थे, जिन्हें एक फीसदी से भी कम वोट मिले. उल्लेखनीय है कि 2014 के इस लोकसभा चुनाव में कुल 14 प्रत्याशी चुनाव के मैदान में थे. वहीं 2017 के उपचुनाव में श्रीनगर संसदीय सीट से फारुख अब्दुल्ला एक बार फिर संसद पहुंचने में कामयाब रहे थे.
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श्रीनगर संसदीय सीट से कब-कब कौन रहा सांसद
लोकसभा चुनाव (वर्ष) | विजयी उम्मीदवार | राजनैतिक दल |
1967 | बख्शी गुलाम मोहम्मद | नेशनल कांफ्रेंस |
1871 | एसए शमीम | निर्दलीय |
1977 | बेगम अकबर जहां अब्दुल्ला | नेशनल कांफ्रेंस |
1980 | फारुख अब्दुल्ला | नेशनल कांफ्रेंस |
1984 | अब्दुल राशिक काबुली | नेशनल काफ्रेंस |
1989 | मोहम्मद सफी भट | नेशनल काफ्रेंस |
1996 | गुलाम मोहम्मद मीर मागामी | कांग्रेस |
1998 | उमर अब्दुल्ला | नेशनल कांफ्रेंस |
1999 | उमर अब्दुल्ला | नेशनल कांफ्रेंस |
2004 | उमर अब्दुल्ला | नेशनल कांफ्रेंस |
2009 | फारुख अब्दुल्ला | नेशनल कांफ्रेंस |
2014 | तारिक हामीद कर्रा | पीडीपी |
2017 उपचुनाव | फारुख अब्दुल्ला | नेशनल कांफ्रेंस |