CBSE CTET Result: नियुक्तियों के दौरान कई अभ्यर्थियों द्वारा सर्टिफिकेट में जालसाजी और डॉक्यूमेंट्स के साथ छेड़छाड़ के मामले सामने आते हैं. ऐसे में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक फैसला लिया है. सीबीएसई द्वारा केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा दिसंबर-2022 (CTET) क्वालिफाई करने वाले कैंडिडेट्स के सर्टिफिकेट को नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (National Academic Depository) में अपलोड किए जाएंगे.


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आपको बता दें कि इससे पहले सेशन 2020, 2021 और 2022 के सीटीईटी सर्टिफिकेट्स नैड डिजिलॉकर (Nad Digi Locker) में सुरक्षित रखे गए थे. बाद में सीआईएससीई और दिल्ली यूनिवर्सिटी ने भी नैड को अपनाया. 


जानें क्या है नैड
स्टूडेंट्स की समस्याओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने एकेडमिक अवॉर्ड्स और डॉक्यूमेंट्स के लिए नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी पोर्टल की शुरुआत की थी. बता दें कि डिजिटलाइजेशन के जरिए यहां पर मार्कशीट्स और सर्टिफिकेट्स सुरक्षित रहते हैं. इनमें किसी तरह के बदलाव संभव नहीं है. 


निशुल्क होती है नैड आईडी
नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और आईडी बनाने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता है. नैड पोर्टल पर अपलोड किए गए डॉक्यूमेंट्स को किसी भी कहीं भी देख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल कर सकते हैं.
 
डिजिलॉकर में पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे डॉक्यूमेंट्स
नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी में सीटेट सर्टिफिकेट अपलोड होने से बहुत फायदे हैं. सबसे बड़ा तो यह कि आपकी मार्कशीट और सर्टिफिकेट्स में अब किसी तरह की कोई छेड़खानी करना पॉसिबल नहीं है. दूसरा फायदा यह है कि नैड आईडी की सुविधा मिलने से कैंडिडेट्स को बार-बार मार्कशीट और सर्टिफिकेट्स की जेरॉक्स या प्रिंट आउट कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वहीं, तीसरा यह कि नौकरी, दाखिले और साक्षात्कार के समय अक्सर नियोक्ताओं को अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का वेरीफिकेशन करना पड़ता है.


सबसे पहले सीबीएसई बोर्ड ने अपनाया 
डिजिटल लॉकर वेबसाइट पर नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी आईडी सुविधा को सबसे पहले सीबीएसई बोर्ड ने अपनाया था. इस हिसाब से सीबीएसई बोर्ड नैड आईडी का इस्तेमाल करने वाला इंडिया का पहला बोर्ड बना. सीबीएसई बोर्ड ने जनवरी 2021 के सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी सीटीईटी की मार्कशीट और सर्टिफकेट्स को नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी में अपलोड किया था. 


स्पेशल क्यूआर कोड वेरीफिकेशन
जब सीबीएसई द्वारा डिजिलॉकर पर मार्कशीट और सर्टिफकेट्स अपलोड कर दिए जाते हैं, उसके बाद कैंडिडेट्स के मोबाइल नंबर पर यह सूचना और लॉगिन डिटेल्स भेज दी जाती है. इनकी सुरक्षा को देखते हुए सीटेट मार्कशीट और सर्टिफकेट्स पर एक विशेष क्यूआर कोड बनाया जाता है. इस कोड का वेरीफिकेशन डिजिलॉकर मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए स्कैन करके किया जाता है.