Knowledge: बचपन से सुनते आ रहे 33 हाथियों के बराबर है इसका वजन, कभी देखा क्या विश्व का सबसे बड़ा जानवर?
Knowledge: दुनिया का सबसे बड़ा जीव ब्लू व्हेल है.समुद्र में रहने वाली ब्लू व्हेल दुनिया का सबसे रहस्यमयी जीव है. इसके बारे में कई जानकारी ऐसी है जिनके बारे में अभी भी वैज्ञानिक खोज कर रहे है.
Knowledge: अगर दुनिया के सबसे बड़े जानवर की बात करें तो इसके लिए हमें समंदर की बात करनी होगी, क्योंकि सबसे रहस्यमयी चीजें समंदर में ही पाई जाती है. यहां अनगिनत राज छिपे हुए हैं, जिनकी तह तक आज भी साइंटिस्ट नहीं पहुंच पाए हैं. विश्व का सबसे पड़ा जानवर भी समंदर में ही पाया जाता है. इसका नाम है अंटार्कटिका ब्लू व्हेल. यह उत्तर अटलांटिक महासागर, नॉर्थ पैसेफिक, दक्षिणी सागर, हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर में पाया जाने वाला सबसे बड़ा जीव है.
जानें क्यों है सबसे बड़ा जानवर
ब्लू व्हेल का वजन तकरीबन 4,00,000 पाउंड है. एक व्हेल 33 हाथियों के वजन के बराबर होती है. ये 98 फीट लंबी होती है. इसके दिल का आकार एक छोटी कार जितना होता है. इतना ही नहीं इसकी केवल जीभ का वजन ही एक हाथी के वजन जितना होता है. अब आप अंदाजा लगा ही सकते हैं कि क्यों इसे विश्व का सबसे बड़ा जानवर कहते हैं.
इसके आगे डायनासोर भी छोटा
जब भी सबसे बड़े जानवर की बात आती है तब अक्सर डायनासोर का जिक्र होता है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ब्लू व्हेल का आकार डायनासोर से भी बड़ा होता है. डायनासोर के सबसे बड़े कंकाल की लंबाई 27 मीटर के करीब बताई जाती है, लेकिन ब्लू व्हेल का आकार 30 मीटर या इससे ज्यादा होता है.
धरती पर जाया जाने वाला सबसे बड़ा स्तनधारी जीव
ब्लू व्हेल के बारे में एक से बढ़कर एक इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स हैं. यह एक स्तनधारी जीव है. यह न सिर्फ धरती पर सबसे बड़ा जानवर है, बल्कि इसकी आवाज भी दुनिया में सबसे तेज है. ब्लू व्हेल की आवाज किसी जेट इंजन से भी ज्यादा तेज है. इसकी धीमी आवाज को भी सैंकड़ों मीलों दूर से सुन सकते हैं. ये जानकर आपकी आंखें खुली रह जाएगी कि एक जेट इंजन 140 डेसीबल की ध्वनि उत्पन्न करता है, जबकि ब्लू व्हेल एक बार में 188 डेसीबल तक की ध्वनि पैदा कर सकती है.
पानी में नहीं ले सकती सांस
इनकी औसत आयु 80 से 90 साल की होती है. इस मछली के अंदर गिल्स नही होते है. इनके अंदर इंसानों की तरह फेफड़े होते है. यह जीव पानी के अंदर सांस नहीं ले सकता, इन्हें हर मिनट में पानी की सतह पर सांस लेने आना पड़ता है.