Madrasa Teacher Eligibility Test: मदरसों में मिलने वाली शिक्षा को मॉर्डन बनाने के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. अब मदरसों में पढ़ाने के लिए केवल वही कैंडिडेट्स आवेदन कर पाएंगे जोकि MTET  (मदरसा टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) पास होंगे, जैसे कि दूसरे सरकारी स्कूलों में टीचर बनने के लिए कैंडिडे्ट का TET पास होना जरूरी है. योगी सरकार के मुताबिक मदरसों की शिक्षा में दूसरे सब्जेक्ट पर भी फोकस होगा. इसके साथ ही मदरसों में 80 फीसदी मॉर्डन एजुकेशन होगी. अभी तक मदरसों में पढ़ाने के लिए टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट पास करना जरुरी नहीं था.  


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मदरसों में शिक्षा का लेवल और बढ़े बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, इसको लेकर योगी सरकार लगातार ग्राउंड लेवल पर काम कर रही है. जिस तरीके से मदसरों का मॉर्डनाइजेशन हुआ है. आज मदरसों में बच्चे दीनी तालीम के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा से जुड़ रहे है. मदरसों में बच्चों को अंग्रेजी, हिंदी, विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान जैसे विषय भी पढ़ाएं जाएंगे. सरकार का कहना है कि मदरसों में दीनी शिक्षा सिर्फ 20 फीसदी ही दी जाएगी. 80 फीसदी आधुनिक शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा.


यूपी में 558 फंडेड मदरसे हैं. इसके लिए आधुनिक विषय पढ़ाने वाले 6455 टीचर्स की अलग अलग फेज में भर्ती भी की जाएगी.  आलिया स्तर की मदरसों में एक टीचर रहेगा. वहीं, कक्षा 5 तक के मदरसों में 4 टीचर रहेंगे. इसी तरह कक्षा 6 से 8 तक में 2 और कक्षा 9 और 10 लेवल के मदरसों में 3 टीचर मॉडर्न एजुकेशन पढ़ाने के लिए रखे जाएंगे.


यूपी सरकार लगातार सुधार के प्रयास कर रही है. कुछ दिन पहले ही यूपी सरकार ने UP Madarsa E-Learning मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है. इसकी मदद से बच्चे ट्रेडिशनल तरीके के अलावा मोबाइल से भी पढ़ाई कर सकेंगे. ऐप लॉन्च करने का उद्देश्य मदरसा से जुड़े बच्चों को डिजिटल एजुकेशन से जोड़ना और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराना है. 


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