बाक्स ऑफिस पर आरक्षण शांत
पहले दिन फिल्म का औसत कलेक्शन 20 से 25 प्रतिशत रहा
[caption id="attachment_2792" align="alignnone" width="300" caption="फिल्म को अच्छी ओपनिंग की उम्मीद थी"][/caption]
नई दिल्ली, मुंबई। शुक्रवार 12 अगस्त को यूपी, पंजाब और आंध्रप्रदेश को छोड़कर देश भर में रिलीज हुई ‘आरक्षण’ के पहले शो के नतीजे निराशाजनक रहे. आमतौर पर फिल्म के विवाद का असर बॉक्स ऑफिस पर बेहतर दिखता है. लेकिन, प्रकाश झा की फिल्म ‘आरक्षण’ पर विवाद का टिकट खिड़कियों पर सकारात्मक असर नहीं दिखा.
केवल दिल्ली की बात करें तो फिल्म का औसत कलेक्शन 20 से 25 प्रतिशत रहा, जो कि इतने बड़े नामों वाली फिल्म के लिहाज से कम है.
वहीं मुंबई में भी ‘आरक्षण’ के पहले शो के कलेक्शन ने ट्रेड को निराश किया है. वहां भी औसत कलेक्शन 30 प्रतिशत के आसपास रहा. दिल्ली के सिंगल स्क्रीन थियेटरों में 10 से 20 प्रतिशत तक का कलेक्शन दर्ज किया गया. मल्टीप्लेक्स में भी लगभग यही दशा रही. हालांकि फिल्म ट्रेड के विश्लेषकों को उम्मीद है कि स्थिति शायद रक्षाबंधन के बाद से सुधरे.
हालांकि फिल्मों के शौकीन कांग्रेस सांसद शशि थरूर को फिल्म अच्छी लगी. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'आरक्षण देखी, मजा आया. जटिल मसले पर फील-गुड मूवी है यह.' वहीं अमिताभ ने लिखा, 'प्रकाश झा से बात की. सुप्रीम कोर्ट बैन के खिलाफ मंगलवार को सुनवाई करेगा. पर पहला सप्ताहांत तो बर्बाद हो ही गया.'
ट्विटर पर ही अश्विन मुशरान ने लिखा, 'आरक्षण में जिस तरह राजनीति को चित्रित किया गया है, उसके विरोध में कुछ राज्यों ने फिल्म पर बैन लगा दिया है. मैं कहता हूं कि हमारे नेता जिस तरह राजनीति को चित्रित कर रहे हैं, उसके विरोध में संसद को बैन कर देना चाहिए.'
फिल्म में कॉलेज के प्राचार्य की भूमिका निभाने वाले अमिताभ ने कहा कि प्रतिबंध सेंसर बोर्ड का अपमान हैं जिसने फिल्म को बिना किसी कट के हरी झंडी दी थी.
युवाओं को कुछ हद तक फिल्म अच्छी लगी. फिल्म विवादास्पद मुद्दों को उठाती है और इसके समर्थन और विरोध दोनों तरफ की बातें को दिखाती है.
नई दिल्ली, मुंबई। शुक्रवार 12 अगस्त को यूपी, पंजाब और आंध्रप्रदेश को छोड़कर देश भर में रिलीज हुई ‘आरक्षण’ के पहले शो के नतीजे निराशाजनक रहे. आमतौर पर फिल्म के विवाद का असर बॉक्स ऑफिस पर बेहतर दिखता है. लेकिन, प्रकाश झा की फिल्म ‘आरक्षण’ पर विवाद का टिकट खिड़कियों पर सकारात्मक असर नहीं दिखा.
केवल दिल्ली की बात करें तो फिल्म का औसत कलेक्शन 20 से 25 प्रतिशत रहा, जो कि इतने बड़े नामों वाली फिल्म के लिहाज से कम है.
वहीं मुंबई में भी ‘आरक्षण’ के पहले शो के कलेक्शन ने ट्रेड को निराश किया है. वहां भी औसत कलेक्शन 30 प्रतिशत के आसपास रहा. दिल्ली के सिंगल स्क्रीन थियेटरों में 10 से 20 प्रतिशत तक का कलेक्शन दर्ज किया गया. मल्टीप्लेक्स में भी लगभग यही दशा रही. हालांकि फिल्म ट्रेड के विश्लेषकों को उम्मीद है कि स्थिति शायद रक्षाबंधन के बाद से सुधरे.
हालांकि फिल्मों के शौकीन कांग्रेस सांसद शशि थरूर को फिल्म अच्छी लगी. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'आरक्षण देखी, मजा आया. जटिल मसले पर फील-गुड मूवी है यह.' वहीं अमिताभ ने लिखा, 'प्रकाश झा से बात की. सुप्रीम कोर्ट बैन के खिलाफ मंगलवार को सुनवाई करेगा. पर पहला सप्ताहांत तो बर्बाद हो ही गया.'
ट्विटर पर ही अश्विन मुशरान ने लिखा, 'आरक्षण में जिस तरह राजनीति को चित्रित किया गया है, उसके विरोध में कुछ राज्यों ने फिल्म पर बैन लगा दिया है. मैं कहता हूं कि हमारे नेता जिस तरह राजनीति को चित्रित कर रहे हैं, उसके विरोध में संसद को बैन कर देना चाहिए.'
फिल्म में कॉलेज के प्राचार्य की भूमिका निभाने वाले अमिताभ ने कहा कि प्रतिबंध सेंसर बोर्ड का अपमान हैं जिसने फिल्म को बिना किसी कट के हरी झंडी दी थी.
युवाओं को कुछ हद तक फिल्म अच्छी लगी. फिल्म विवादास्पद मुद्दों को उठाती है और इसके समर्थन और विरोध दोनों तरफ की बातें को दिखाती है.