नई दिल्ली : मुहर्रम महीने की 10वीं तारीख ‘आशूरा’ के दिन मंगलवार को पूरे देश में हजरत हुसैन की शहादत को याद किया गया। इस मौके पर जगह-जगह ताजिया निकाले गए और मातम किए गए। उत्तर प्रदेश और बिहार में कुछ स्थानों पर झड़पें भी हुईं।
 
शिया समुदाय के लोगों ने पैगम्बर मोहम्मद के नवासे हजरत हुसैन की शहादत के गम में मातम किया और मर्सिया पढ़े। सभी के लबों पर ‘या हुसैन’ गूंज रहा था। सुन्नी समुदाय के लोगों ने इस मौके पर रोजे रखे।
 
करीब 14,00 साल पहले आज ही के दिन कर्बला (इराक) के मैदान में यजीद की सेना के साथ लड़ते हुए हजरत हुसैन शहीद हो गए थे। दिल्ली में आशूरा के दिन कई इलाकों में ताजिया निकाले गए। जोर बाग के कर्बला में बड़ी संख्या में ताजिया निकाले गए। इसके अलावा ओखला, पुरानी दिल्ली, सीलमपुर और जहांगीरपुरी में भी हजरत हुसैन के प्रति लोगों ने अपनी मोहब्बत और अकीदत का इजहार किया। कई स्थानों पर लोगों ने लाठियां और तलवार भांजने के परंपरागत युद्ध कौशल का भी प्रदर्शन किया।
 
उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के मलोखार गांव में दो गुटों के बीच हुई झड़प में कम से कम छह पुलिसकर्मी और पत्रकार घायल हो गए। इस दौरान एक दर्जन मकानों को आग के हवाले कर दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि प्रभावित इलाके में पुलिस और पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।  (एजेंसी)