मिर्ची ने जताई भारत लौटने की इच्छा
मुंबई में 1993 में हुए बम विस्फोट के सिलसिले में भारत में वांछित इकबाल मेमन उर्फ मिर्ची का कहना है कि वह भारत लौटना चाहता है लेकिन उसे अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।
लंदन : मुंबई में 1993 में हुए बम विस्फोट के सिलसिले में भारत में वांछित इकबाल मेमन उर्फ मिर्ची का कहना है कि वह भारत लौटना चाहता है लेकिन उसे अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।
मिर्ची ने जमानत पर रिहा होने के बाद अपने वकील अफशीन चौधरी के माध्यम से बयान जारी कर दावा किया कि आतंकवादी गतिविधियों में उसकी कोई भूमिका नहीं थी और अंडरवर्ल्ड डॉन से उसका कोई संबंध नहीं है। उसे दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ माना जाता है।
अपने बयान में 61 वर्षीय मिर्ची ने कहा कि वह अपने देश को काफी याद करते हैं और लौटने को इच्छुक हैं। बयान के अंत में ‘जय हिन्द’ लिखा हुआ है। उसे अपने 41 वर्षीय भतीजे नदीम कादर को हत्या की धमकी देने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार को उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। मिर्ची ने दावा किया कि वह कानून का पालन करने वाला व्यक्ति है और सफल व्यवसायी होने के कारण उसका उत्पीड़न किया जा रहा है।
मिर्ची ने अपने खिलाफ जारी इंटरपोल रेड अलर्ट का जिक्र करते हुए कहा, ‘हत्या और तस्करी के सिलसिले में भारतीय अधिकारियों ने गलत तरीके से मेरे खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया ताकि मेरा उत्पीड़न किया जा सके।’ उसने यह भी कहा कि लंदन में भारत सरकार की ओर से उसके प्रत्यर्पण का पहला मामला हार जाने के बावजूद वहां की सरकार द्वारा गिरफ्तारी वारंट को वापस नहीं लेना ‘नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों’ के खिलाफ है।
उसने कहा, ‘चाहे मैंने जितनी भी समस्याओं का सामना किया है लेकिन मैं अपने देश को याद करता हूं और उम्मीद है कि एक न एक दिन न्याय अवश्य होगा और मैं अपने देश लौट सकूंगा।’ (एजेंसी)
मिर्ची ने जमानत पर रिहा होने के बाद अपने वकील अफशीन चौधरी के माध्यम से बयान जारी कर दावा किया कि आतंकवादी गतिविधियों में उसकी कोई भूमिका नहीं थी और अंडरवर्ल्ड डॉन से उसका कोई संबंध नहीं है। उसे दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ माना जाता है।
अपने बयान में 61 वर्षीय मिर्ची ने कहा कि वह अपने देश को काफी याद करते हैं और लौटने को इच्छुक हैं। बयान के अंत में ‘जय हिन्द’ लिखा हुआ है। उसे अपने 41 वर्षीय भतीजे नदीम कादर को हत्या की धमकी देने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार को उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। मिर्ची ने दावा किया कि वह कानून का पालन करने वाला व्यक्ति है और सफल व्यवसायी होने के कारण उसका उत्पीड़न किया जा रहा है।
मिर्ची ने अपने खिलाफ जारी इंटरपोल रेड अलर्ट का जिक्र करते हुए कहा, ‘हत्या और तस्करी के सिलसिले में भारतीय अधिकारियों ने गलत तरीके से मेरे खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया ताकि मेरा उत्पीड़न किया जा सके।’ उसने यह भी कहा कि लंदन में भारत सरकार की ओर से उसके प्रत्यर्पण का पहला मामला हार जाने के बावजूद वहां की सरकार द्वारा गिरफ्तारी वारंट को वापस नहीं लेना ‘नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों’ के खिलाफ है।
उसने कहा, ‘चाहे मैंने जितनी भी समस्याओं का सामना किया है लेकिन मैं अपने देश को याद करता हूं और उम्मीद है कि एक न एक दिन न्याय अवश्य होगा और मैं अपने देश लौट सकूंगा।’ (एजेंसी)