नई दिल्ली : अक्टूबर माह को स्तन कैंसर जागरुकता माह के रूप में मनाया जा रहा है। देश के मुंबई, दिल्ली और बेंगलूर जैसे मेट्रोपोलिटन शहरों में महिलाओं में स्तन कैंसर के मामलों में 1982 से 2005 के बीच लगभग दोगुनी बढ़ोतरी हुई है।
 
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के विश्लेषण के नतीजे इस चौंकाने वाले तथ्य की ओर इशारा करते हैं। कैंसर विशेषज्ञों का कहना है शहरी महिलाओं में तेजी से बढ़ते स्तन कैंसर के लिए मुख्यरूप से आधुनिक जीवन शैली जिम्मेदार है। डॉक्टरों ने इस बारे में कहा, ‘लड़कियों की देर से शादी होने के कारण वे देर से गर्भधारण करती है, खासकर शहरों में। गर्भावस्था की पूरी प्रक्रिया में कई हार्मोन उत्सर्जित होते हैं जो स्तन कैंसर को रोकने में मददगार हैं।’
 
गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में ओंकोलॉजी यूनिट के डॉक्टरों ने इस बारे में कहा कि शहरों में स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं इसके लिए प्रमुख रूप से महिलाओं की बदलती जीवन शैली जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, ‘शहरों में महिलाओं की जीवनशैली तेजी से बदल रही है। भोजन में संतृप्त वसा का अधिक इस्तेमाल, कामकाज या करियर की व्यस्तता के कारण देर से बच्चे होना, बच्चे कम होना या उन्हें स्तनपान न कराना अथवा कम कराना आदि कई कारण हैं, जिसकी वजह से स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं।’  (एजेंसी)