नयी दिल्ली कभी देश में आर्थिक सुधारों के अगुवा कहे जाने वाला दूरसंचार क्षेत्र इस समय 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के विवाद में उलझा हुआ है. इन सबके बीच सरकार कल नई दूरसंचार नीति-2011 (एनटीपी-11) का मसौदा जारी करने जा रही है. माना जा रहा है कि नई दूरसंचार नीति में क्षेत्र को साफ-सुथरा करने तथा उसे नई उर्जा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
 
नई दूरसंचार नीति में पारदर्शिता तथा निवेश के माहौल पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि नई नीति देश में विदेशी निवेशकों को लुभाने वाली होगी.दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल एनटीपी-11 को पेश करेंगे. इसमें दूरसंचार क्षेत्र को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव है. ऐसे होने पर इस क्षेत्र को कर रियायतें मिल सकेंगी और निवेश का प्रवाह बढ़ेगा.
 
इसके साथ ही सरकार दूरसंचार क्षेत्र को मजबूत, उर्जावान और सुरक्षित बनाना चाहती है। साथ ही बिना किसी बाधा के इस सेवा की पहुंच उपलब्ध कराना चाहती है। खासकर सरकार का ध्यान ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों पर होगा.
 
मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नई दूरसंचार नीति-2011 में इन विशेष क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा. नीति के मसौदे में दूरसंचार मंत्रालय देशभर में रोमिंग को नि:शुल्क बनाना चाहता है. ऑपरेटरों के बाहर निकलने के लिए मौका देने की लाइसेंस को सरेंडर करने की नीति और क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए दूरसंचार वित्त आयोग के गठन करना चाहता है.
 
सूत्र ने कहा कि मसौदे में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी का भी प्रावधान है. इसके तहत दूसरे दूरसंचार सेक्टर में वहीं नंबर कायम रखते हुए ऑपरेटर बदलने की सुविधा मिलेगी.एनटीपी के मसौदे में ‘वित्तपोषण’ संबंधी सुविधाओं का भी प्रावधान होगा. मंत्रालय ने विशेष उद्देश्य वाले दूरसंचार वित्त निगम के गठन का प्रस्ताव किया है.(एजेंसी)