नई दिल्ली : हिंसा प्रभावित इराक में फंसे हुए भारतीयों को वहां से निकालने को केंद्र सरकार के लिए ‘बड़ी चुनौती’ बताते हुए जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज उम्मीद जताई कि केंद्र उन्हें खाड़ी देश से सुरक्षित वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा।


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उमर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘इसका पहला प्रभाव यह इराक में हालात का है कि वहां काम कर रहे हमारे अनेक लोग और उन्हें वहां से सुरक्षित निकालना मौजूदा केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। हमें उम्मीद है कि सरकार वहां से हमारे लोगों को सुरक्षित लाने के लिए हर कोशिश करेगी।’ उमर ने कहा कि इराक में हालात तेल की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं और यहां मुद्रास्फीति में वृद्धि हो सकती है।


उन्होंने कहा, ‘इराक में जो कुछ भी हो रहा है उसका हमारे उपर प्रभाव पड़ेगा। अगर तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो यहां मुद्रास्फीति बढ़ेगी।’ केंद्र ने कल कहा था कि इराक के तेल संपन्न मोसुल शहर से 40 भारतीय श्रमिकों का अपहरण कर लिया गया है।


माना जा रहा है कि उनका इस्लामी आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया है लेकिन अब तक फिरौती की रकम की मांग नहीं की गई है। ज्यादातर श्रमिक पंजाब और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों के हैं जो उत्तरी इराक के मोसुल में निर्माण परियोजना में काम कर रहे हैं। इन श्रमिकों को सुन्नी आतंकवादी समूह आईएसआईएस ने बंधक बना लिया है। इराक में अलकायदा समर्थित आतंकवादियों के साथ गंभीर संघर्ष चल रहा है। आतंकवादियों ने विभिन्न शहरों पर कब्जा कर लिया है और बगदाद की तरफ बढ़ रहे हैं।