नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 सितंबर को वाशिंगटन के दौरे पर होंगे और वह पिछले करीब एक दशक से अधिक समय में अमेरिकी राष्ट्रपति के 190 साल पुराने अतिथिगृह ‘ब्लेयर हाउस’ में ठहरने वाले पहले प्रधानमंत्री होंगे।


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इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी गेस्ट हाउस में ठहरे थे।


आधिकारिक सूचना के अनुसार, ‘1824 में निजी भवन के तौर पर निर्मित ब्लेयर हाउस ने पिछले करीब 190 साल में अमेरिकी राजनीति, कूटनीतिक और सांस्कृति इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने एंड्रयूज जैक्सन की ‘किचन कैबिनेट’ से अब्राहम लिंकन की निजी गुफ्तगू तक और द्वितीय विश्व युद्ध के खत्म होने व शीत युद्ध शुरू होने के दौरान हैरी एस ट्रूमैन के महत्वपूर्ण नेतृत्व तक अहम योगदान दिया है।’


आधिकारिक सूचना के मुताबिक, ‘अमेरिकी राष्ट्रपति पहले की तरह अब भी ब्लेयर हाउस पर विदेश नीति के महत्वपूर्ण जरिये के तौर पर भरोसा करते हैं।’ ब्लेयर हाउस अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक अतिथिगृह है जहां पारंपरिक तौर पर उनके राजकीय मेहमान ठहरते रहे हैं।


पेनसिल्वेनिया एवेन्यू पर व्हाइट हाउस के नजदीक स्थित ब्लेयर हाउस को अमेरिकी सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय खरीदा था और तब से यह राष्ट्रपति के अतिथिगृह के तौर पर सेवा में लिया जाता है और विदेश विभाग की देखरेख में यह देशों के शासन प्रमुखों का स्वागत करता है।


न्यूयॉर्क में मोदी मैनहट्टन स्थित न्यूयॉर्क पैलेस होटल में ठहरेंगे। मोदी 26 सितंबर को वहां पहुंचेंगे। अगले दिन उनका पहला सार्वजनिक कार्यक्रम ग्राउंड जीरो जाने का होगा जो 2001 में अल-कायदा के आतंकवादी हमले में तबाह हो गये वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के लिए जाना जाता है। इसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री 11 सितंबर 2001 पर हुए हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाये गये 9-11 स्मारक संग्रहालय का भ्रमण करेंगे।


इसके बाद मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन देने के लिए रवाना हो जाएंगे। प्रधानमंत्री इसके बाद अनेक द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगे जिनमें बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी उनकी मुलाकात शामिल है। शाम को मोदी सेंट्रल पार्क जाएंगे और ग्लोबल सिटीजन उत्सव में भाग लेंगे।


आधिकारिक सूचना के मुताबिक, ‘अमेरिकी राष्ट्रपति पहले की तरह अब भी ब्लेयर हाउस पर विदेश नीति के महत्वपूर्ण जरिये के तौर पर भरोसा करते हैं।’ ब्लेयर हाउस अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक अतिथिगृह है जहां पारंपरिक तौर पर उनके राजकीय मेहमान ठहरते रहे हैं।


पेनसिल्वेनिया एवेन्यू पर व्हाइट हाउस के नजदीक स्थित ब्लेयर हाउस को अमेरिकी सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय खरीदा था और तब से यह राष्ट्रपति के अतिथिगृह के तौर पर सेवा में लिया जाता है और विदेश विभाग की देखरेख में यह देशों के शासन प्रमुखों का स्वागत करता है।


न्यूयॉर्क में मोदी मैनहट्टन स्थित न्यूयॉर्क पैलेस होटल में ठहरेंगे। मोदी 26 सितंबर को वहां पहुंचेंगे। अगले दिन उनका पहला सार्वजनिक कार्यक्रम ग्राउंड जीरो जाने का होगा जो 2001 में अल-कायदा के आतंकवादी हमले में तबाह हो गये वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के लिए जाना जाता है। इसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री 11 सितंबर 2001 पर हुए हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाये गये 9-11 स्मारक संग्रहालय का भ्रमण करेंगे।


इसके बाद मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन देने के लिए रवाना हो जाएंगे।


प्रधानमंत्री इसके बाद अनेक द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगे जिनमें बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी उनकी मुलाकात शामिल है। शाम को मोदी सेंट्रल पार्क जाएंगे और ग्लोबल सिटीजन उत्सव में भाग लेंगे।


यहां सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री 28 सितंबर को यहूदी संगठनों से मुलाकात करेंगे और उसी दिन वह प्रसिद्ध मैडिसन स्क्वायर गार्डन में हजारों भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा 29 सितंबर को न्यूयॉर्क से वाशिंगटन पहुंचने पर मोदी के स्वागत में रात्रिभोज देंगे। महत्वपूर्ण बात यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से रात्रि भोज का चलन सामान्य नहीं है और इसे राजकीय यात्रा पर आने वाले विदेशी मेहमानों के सम्मान में दिया जाता है।


मोदी और ओबामा को बातचीत का पहला मौका रात्रि भोज के दौरान मुलाकात में मिलेगा। दोनों नेताओं की शिखर वार्ता 30 सितंबर को होगी। उपराष्ट्रपति जो बाइडेन 30 सितंबर को मोदी के लिए दोपहर के भोजन का आयोजन करेंगे। जिसके बाद प्रधानमंत्री कैपिटल हिल जाएंगे और हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स के स्पीकर जॉन बोएनर से मिलेंगे।


वाशिंगटन में मोदी ‘यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल’ द्वारा आयोजित समारोह में कारोबारियों से भी भेंट करेंगे।