ज़ी मीडिया ब्यूरो
 
नई दिल्ली:  चंद्रग्रहण के मौके पर बुधवार को आकाश में अद्भुत नजारा देखने को मिला। इस दौरान जब अपनी धवल चांदनी के लिए पहचाना जाने वाला चंद्रमा पूरी तरह से लाल रंग में रंगा सूरज की तरह दिखाई दिया। यह नजारा काफी अद्भुत लग रहा था। खगोल वैज्ञानिकों के साथ ही यह आम लोगों के लिए भी एक बेहद दिलचस्प घटना है। आज कई जगहों पर पूर्ण चंद्रग्रहण नजर आया।


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अब अगले 20 साल तक दोबारा यह दुर्लभ नजारा देखने का मौका नहीं मिलेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा समेत दुनिया के कई खगोल वैज्ञानिकों ने इस मौके पर चंद्रमा को नये सिरे से जानने और समझने के लिए पूरी तैयारी की थी।
 
पूर्ण चंद्रग्रहण की शुरूआत भारतीय मानक समय के मुताबिक बुधवार दोपहर 2.44 बजे हुई और यह शाम 06 बजकर 04 मिनट 07 सेकेंड पर खत्म हो गया। इस तरह सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की ‘त्रिमूर्ति’ की रोमांचक भूमिका वाला खगोलीय घटनाक्रम तकरीबन तीन घंटे 20 मिनट तक चला। पूर्ण चंद्रग्रहण के चरम स्तर पर पहुंचने पर चंद्रमा करीब 23 मिनट तक पृथ्वी की छाया से पूरी तरह ढंका दिखाई दिया। भारत में पूर्ण चंद्रग्रहण का सबसे अच्छा नजारा पूर्वोत्तर हिस्से में स्थित डिब्रूगढ़, इम्फाल और कोहिमा जैसे शहरों में नजर आया। जहां देश के दूसरे इलाकों के मुकाबले चंद्रोदय जल्दी होता है।


यह इस वर्ष का दूसरा और आखिरी पूर्ण चंद्रग्रहण था। इस साल का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण 15 अप्रैल को लगा था। पूर्ण चंद्रग्रहण तब लगता है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है। परिक्रमारत चंद्रमा इस स्थिति में पृथ्वी की ओट में पूरी तरह छिप जाता है और उस पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ पाती है। इसी कारण चंद्रमा पृथ्वी के कुछ विशिष्ट जगहों पर दिखना बंद हो जाता है।