ज़ी मीडिया ब्यूरो


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बेंगलुरू: एक महिला दुर्घटना का शिकार हो गई। डॉक्टरों ने उसके दिमाग को मृत घोषित कर दिया और फिर उसके परिवार ने उसके जिस्म के अंगदान का फैसला किया। महिला के दिल को बेंगलुरू से चेन्नई भेजा गया जहां इस दिल को एक जरूरतमंद को लगाया गया। सबसे बड़ी बात यह थी कि सिर्फ छह घंटे के अंदर ही इस दिल को प्रत्यारोपित करना था जो डॉक्टरों और ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से मुमकिन हो सका। बेंगलुरू  के बीजीएस अस्पताल से इस दिल को चेन्नई के फोर्टिस अस्तपाल भेजा गया। इस दिल को समय पर और सुरक्षित पहुंचाने के लिए 42 किलोमीटर बेंगलूरू में और 12 किलोमीटर चेन्नई में ट्रैफिक रोक दिया गया। इस पूरी कवायद को ग्रीन कॉरीडोर का नाम दिया गया।


33 साल की एक महिला के साथ एक दुर्घटना हुई जिसके बाद उसका ब्रेन डेड हो गया। परिवार की इजाजत से उसकी किडनी, लीवर, दिल और आंखें आदि निकाल ली गईं। डॉक्टरों ने उसके दिल को 'डीप फ्रीजर बक्से' में रखा गया और चेन्नई के लिए रवाना किया।  गौर हो कि इससे पहले दो महीने पहले चेन्नई में भी इस प्रकार की घटना हो चुकी है जब 17 जून को चेन्नई में ट्रांसप्लांट के लिए 12 किलोमीटर का रूट खाली कराया गया था। इससे दिल मात्र 13 मिनट में अस्पताल पहुंच गया था और समय पर हार्ट ट्रांसप्लांट होने से एक युवक की जान बच गई थी।


(एजेंसी इनपुट के साथ)