संयुक्त राष्ट्र : पश्चिम अफ्रीका में तेजी से फैल रहे इबोला वायरस के प्रकोप के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि स्थिति सुधरने से पहले और अधिक बिगड़ेगी।


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इन अधिकारियों ने इबोला के कारण उत्पन्न संकट से निपटने के लिए तत्काल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई किए जाने का आह्वान करते हुए कहा कि इस बीमारी के बारे में गलत जानकारी के कारण, पहले से ही बिगड़े हुए हालात और बदतर होंगे।


संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव जॉन एलियासन ने एक उच्च स्तरीय संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘संकट के समय भय (फियर फैक्टर) की बहुत बड़ी भूमिका होती है। मैं सदस्य देशों, उद्योग समुदाय और लोगों को भय के आधार पर नहीं बल्कि वैज्ञानिक प्रमाण के आधार पर निर्णय करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।’


यह संवाददाता सम्मेलन इबोला के अप्रत्याशित प्रसार पर विश्व निकाय की प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी देने के लिए बुलाया गया था। इबोला से प्रभावित देशों गिनी, लाइबेरिया, नाइजीरिया और सियरा लियोन में ‘इबोला वायरस डिजीज’ (ईवीडी) के मामलों की नवीनतम संख्या 3,069 है। इस बीमारी के फैलने के बाद से अब तक 1,552 लोगों की मौत हो चुकी है। अप्रत्याशित संख्या में स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी इस वायरस से संक्रमित हुए और उनकी मौत हो गई।


विश्व स्वास्थ्य संगठन की महानिदेशक मार्ग्रेट चान ने बताया कि ईवीडी के 40 बरस के इतिहास में इस बार इबोला का प्रसार बेहद बड़े पैमाने पर और भीषण रूप में हुआ है। चान ने बताया कि प्रभावित देशों में ईवीडी को नियंत्रित करने के जितने प्रयास किए जा रहे हैं, बीमारी उससे कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि स्थिति सुधरने से पहले और अधिक बिगड़ेगी और इससे निपटने के लिए व्यापक स्तर पर तत्काल सुनियोजित, समन्वित उपायों की जरूरत है।