Retirement Fund: ये तीन स्कीम बन सकती है बुढ़ापे का सहारा, छोटा इंवेस्टमेंट भी कराएगा तगड़ी कमाई
Investment Tips: लंबे समय में किया गया निवेश अच्छा रिटर्न भी देता है. वहीं कुछ लोग अपने रिटायरमेंट के लिए भी फंड बनाते हैं. इस फंड से रिटायरमेंट के वक्त काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. वहीं इन फंड में किया गया छोटा निवेश भी अच्छी कमाई करवा सकता है.
Retirement Fund: लॉन्ग टर्म के लिए अगर कोई इंवेस्टमेंट की जाए तो उससे काफी फायदा हो सकता है. लंबे समय में किया गया निवेश अच्छा रिटर्न भी देता है. वहीं कुछ लोग अपने रिटायरमेंट के लिए भी फंड बनाते हैं. इस फंड से रिटायरमेंट के वक्त काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. वहीं इन फंड में किया गया छोटा निवेश भी अच्छी कमाई करवा सकता है.
ऐसे में आज हम आपको तीन ऐसे रिटायरमेंट फंड के बारे में बताने वाले हैं, जिसमें कम राशि में भी निवेश किया जा सकता है और रिटामेंट के दौरान एक बड़ी राशि का फंड हासिल किया जा सकता है. इस फंड में जमा की गई अमाउंट बुढ़ापे में काम आ सकती है.
वीपीएफ- अगर आप हाई रिटर्न और कम जोखिम वाले कारकों के साथ लंबी अवधि के निवेश विकल्प की तलाश कर रहे हैं, तो आप स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ) का विकल्प चुन सकते हैं. भारत सरकार के जरिए प्रबंधित यह योजना आवेदकों को टैक्स लाभ भी प्रदान करती है. इस स्कीम में फिलहाल 8.1 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. VPF, कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने में मदद करने के लिए सरकार समर्थित स्वैच्छिक योगदान योजना है. यह एक लॉन्ग टर्म निवेश विकल्प है जिसमें वेतनभोगी कर्मचारी अपने वेतन से अलग किए जाने वाले योगदान का प्रतिशत चुन सकते हैं. वीपीएफ कर्मचारियों को उनके मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 100% तक बचत करने की अनुमति देता है. हालांकि, VPF के तहत, नियोक्ता आपके बराबर योगदान करने के लिए अपने योगदान को बढ़ाने के लिए बाध्य नहीं है.
ईएलएसएस- ईएलएसएस (Equity Linked Saving Scheme) एक म्यूचुअल फंड बचत योजना है जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति इक्विटी में निवेश कर सकता है. विभिन्न फंड हाउस इस योजना की पेशकश करते हैं. ईएलएसएस में 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है, जिसके पहले निवेशक अपना पैसा नहीं निकाल सकता है. अंतर्निहित म्यूचुअल फंड इकाइयों को बेचने के लिए उन्हें यूनिट आवंटन की तारीख से तीन साल पूरे करने होंगे. एक निवेशक को आवंटित इकाइयों की संख्या निवेशक के जरिए निवेश किए गए धन और लागू एनएवी पर निर्भर करती है.
पीपीएफ- पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ भारत सरकार की ओर से चलाई जा रही एक सेविंग स्कीम है. इस स्कीम के जरिए कोई भी नागरिक 15 सालों तक इस स्कीम में निवेश कर सकता है और ब्याज हासिल कर सकता है. इस स्कीम में एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा कराए जा सकते हैं. फिलहाल इस स्कीम में 7.1 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है.