Post Graduate Chaiwali Success Story: 'लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.' इस शेर को अक्सर उस वक्त पढ़ते हुए सुना जाता है जब किसी बीच मझधार में फंसे इंसान को हौसला देना होता है. झारखंड के राधा की कहानी सुनकर उसके ऊपर ये शेर एकदम फिट बैठता है. मुसीबतों के बीच फंसी राधा ने अंत तक हिम्मत नहीं हारी और खुद पर भरोसा रखकर अपने मुश्किल दौर को पार किया. झारखंड के देवघर में रहने वाली राधा चाय का स्टाल लगाती है और अपने घर का खर्च उठा रही है.


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क्या है राधा की कहानी?


झारखंड के देवघर से आने वाली राधा पहले एक प्राइवेट जॉब करती थी. कोरोना काल में लाखों लोगों ने अपनी नौकरी गवां दी. कोरोना से नौकरी खोने वाली उस लिस्ट में राधा का भी नाम शामिल है. घर की नाजुक हालत को देखते हुए राधा ने खुद का काम शुरू करने की ठानी लेकिन उसके सामने सबसे बड़ी समस्या थी उसका लड़की होना और दूसरा उसका पोस्ट ग्रेजुएट होना. 'लोग क्या कहेंगे' ये बात राधा के दिमाग भी कई बार आई लेकिन उसने इसे खुद पर हावी नहीं होने दिया. इसके बाद राधा ने रामा देवी बाजला महिला कॉलेज के सामने चाय की दुकान खोली और आज राधा इस स्थिति में है कि वो घर का खर्च खुद उठा रही है. 


दुकान की टैगलाइन है जबरदस्त


राधा ने अपनी दुकान का नाम 'पोस्ट ग्रेजुएट चायवाली' रखा है. राधा की दुकान को खास बनाती है उसके दुकान की टैगलाइन. राधा ने दुकान की टैगलाइन में लिखा है, 'कुल्हड़ में पिया करो चाय, देश की मिट्टी को चूमने का अवसर मिलेगा.' राधा बताती है इस दुकान से वो रोज करीब 1500 रुपए की आमदनी कर लेती है. राधा अपने 5 बहन और 1 भाई में सबसे बड़ी है. राधा की दुकान पर कॉलेज की लड़कियां भारी संख्या में चाय पीने आती हैं. राधा के करीबी उसके हौसले की तारीफ कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि राधा जैसी लड़कियां ही उनके समाज को प्रेरणा देती हैं और बताती हैं कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है. 


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