समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वकील ने अपने पार्टनर को यूं किया प्रपोज, तस्वीर हुई वायरल
Same Sex Marriage: शीर्ष अदालत उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) द्वारा समलैंगिक विवाह पर ऐतिहासिक फैसला सुनाए जाने के एक दिन बाद यानी 18 अक्टूबर को एक समलैंगिक जोड़े ने सुप्रीम कोर्ट के सामने ही एक-दूसरे को अंगूठी पहनाई.
शीर्ष अदालत उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) द्वारा समलैंगिक विवाह पर ऐतिहासिक फैसला सुनाए जाने के एक दिन बाद यानी 18 अक्टूबर को एक समलैंगिक जोड़े ने सुप्रीम कोर्ट के सामने ही एक-दूसरे को अंगूठी पहनाई. इसकी तस्वीर काफी वायरल हो रही है. लव और कमिटमेंट की यह तस्वीर कैमरे में कैद हो गई और इसने तुरंत ही एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मौजूद लोगों का ध्यान आकर्षित किया. एक्स यूजर कोटिया ने तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, “कल चोट लगी. आज, @utkarsh__saxena और मैं उस अदालत में वापस गए जिसने हमारे अधिकारों को अस्वीकार कर दिया, और अंगूठियों को एक्सचेंज किया."
सुप्रीम कोर्ट के सामने किया प्रपोज
उन्होंने कैप्शन में आगे लिखा, "इसलिए यह सप्ताह कानूनी नुकसान के बारे में नहीं था, बल्कि हमारी इंगेजमेंट के बारे में था. हम एक दिन फिर लड़ने के लिए लौटेंगे.”एक्स यूजर कोटिया ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर एक तस्वीर शेयर करते हुए यह सब लिखा. तस्वीर में सुप्रीम कोर्ट को बैकग्राउंड में देखा जा सकता है. उत्कर्ष सक्सेना को घुटने के बल बैठकर अंगूठी के साथ अपने जीवनसाथी को प्रपोज करते हुए देखा जा सकता है. इस पोस्ट को कुछ घंटे पहले शेयर किया गया था. तब से इसे तीन लाख से अधिक बार देखा जा चुका है और यह नंबर्स अभी भी तेजी से बढ़ रहे है. कई लोगों ने पोस्ट पर बधाई संदेश भी लिखे.
पोस्ट पर कई सारे लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी. एक शख्स ने पोस्ट में लिखा, “प्यार एक मौलिक अधिकार है. शुभकामनाएं.” एक अन्य ने कहा, "ओह, यह तो बेहद ही प्यारा है." वहीं एक तीसरे यूजर ने कहा, “ओह बधाई हो. हमेशा आप लोगों का समर्थन करता हूं!” चौथे यूजर ने लिखा, “आप दोनों को बधाई. आशा है कि एक दिन आपको वह अधिकार मिलेगा जिसका आपने सपना देखा है." एक अन्य यूजर ने लिखा, “यह तस्वीर बहुत सुंदर है. आप दोनों को बधाई." छठवें शख्स ने कहा, "बधाई हो दोस्तों, आप दोनों जीत गए!"
समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को समलैंगिक विवाह पर फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि वह समलैंगिक विवाह को कानूनी तौर पर मान्यता नहीं दे सकता क्योंकि यह उसके दायरे में नहीं आता है. इसने समान-लिंग वाले जोड़ों को गोद लेने का अधिकार देने से भी इनकार कर दिया. 3-2 के बहुमत से लिए गए इस निर्णय ने भारत में एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के अनगिनत सदस्यों को निराश कर दिया.