ऊंट 
अपने शरीर में पानी को संरक्षित कर सकते हैं और एक बार में बहुत ज्यादा पानी पी कर लम्बे समय तक बिना पानी के जी सकते हैं. उनका मुत्रिय तंत्र और शरीर के विविध अंग पानी को अधिकतम संरक्षित करने में मदद करते हैं.


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कंगारू चूहा 
ये छोटे चूहें मरुस्थल में रहते हैं और अपने भोजन (बीज और सुखने वाली चीजें) से ही पानी की प्राप्ति करते हैं. इनका शरीर पानी को बहुत कम खर्च करता है और ये लंबा समय तक बिना सीधे पानी के जीवित रह सकता है.


कांटा वाला गोह 
ये मरुस्थल में पाए जाने वाले चिपकली प्रजाती के जानवर हैं. ये अपने शरीर पर गिरी हुई ओस की बूंदों से पानी को खींच कर पीते हैं और लंबे समय तक बिना पानी के जीवित रहने में सक्षम होते हैं.


रेजिस्टानी कछुआ 
ये कछुए अपने शरीर में पानी को संरक्षित कर सकते हैं और भूमि के नीचे के चित्रों को खोज कर वहीं से नारियल और ओस से पानी प्राप्त करते हैं.


अफ़्रीकी फ़िश्ती 
ये मछली पानी के बिना अपने विशेष रूप से अनुकूलित फेफड़ों का इस्तिमाल करने के लिए जानी जाती है. जब पानी ख़त्म हो जाता है, ये मिट्टी में घुस कर लम्बे समय तक जीवित रह सकती है.


ये जानवर अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप अपने शरीर को इस तरह से विकसित कर लेते हैं कि वे बिना पानी के भी जीवित रहने में सक्षम होते हैं.