Boxes Near Railway Tracks: अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत का रेलवे नेटवर्क दुनिया में सबसे बड़ा माना जाता है. यहां की ट्रेनों को देश में सैर करने वाले यात्रियों की जान कहा जाता है. रोज लाखों करोड़ों लोग सफर करते हैं लेकिन अभी भी रेलवे से संबंधित कई ऐसे तथ्य हैं जिनसे वे अनजान हैं. इन्हीं में से एक वे बक्से भी हैं जो ट्रेन की पटरियों के बगल रखे रहते हैं.


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ये बॉक्स एलुमिनियम के बने
दरअसल, रेलवे की पटरियों के बिलकुल बगल ऐसा देखा जाता है कि कुछ बॉक्स रखे रहते हैं. ये बॉक्स अमूमन एलुमिनियम के बने होते हैं. आइए आज जाने हैं कि इनका क्या उपयोग है और ये क्यों बनाकर रखे जाते हैं. असल में ये सभी बॉक्स बड़े काम के हैं और यात्रियों की सुरक्षा के लिए ही रखे होते हैं. इनमें सेंसर लगा होता है और इनका मुख्य काम ट्रेन की बोगियों के पहिए गिनंने का होता है.


नाम है ‘एक्सल काउंटर बॉक्स’
इन्हें  ‘एक्सल काउंटर बॉक्स’ कहते हैं और ये बॉक्स तीन से पांच किमी पर लगाए जाते हैं. ये बॉक्स ट्रेन के एक्सल को काउंट करता है. एक्सल ट्रेन की बोगी के दोनों पहियों को जोड़कर रखता है. ये डिवाइस उन्हीं एक्सल की गिनती करता है. यह 'एक्सल काउंटर बॉक्स' ट्रेन के गुजरने पर यह बता देता है कि उसमें कितनी पहियों की संख्या कम है. इससे किसी संभावित दुर्घटना के बारे में पता चल जाता है. 


रिपोर्ट्स के मुताबिक यह एक्सल काउंटर बॉक्स कोच में लगे एक्सल की गिनती करके अगले वाले बॉक्स को भेज देता है और फिर यही क्रम बना रहता है. अगर एक्सल की संख्या कम हुई या अगली वाली गिनती से इसमें अंतर हुआ तो यह बॉक्स रेड सिग्नल दे देता है. इस प्रकार यह ट्रेन को कई प्रकार की दुर्घटनाओं से बचा देता है.


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