पब्लिक टॉयलेट्स तो आपने कई बार इस्तेमाल किए होंगे. किसी मॉल, मेट्रो या रेलवे स्टेशन पर टॉयलेट इस्तेमाल करते समय आपने देखा होगा कि उनके दरवाजे छोटे हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे की वजह क्या है? अगर नहीं जानते हैं तो फिर इसके पीछे कई जरूरी और दिलचस्प वजहे हैं.
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हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में आए दिन कुछ ऐसी चीजें आती हैं जिन्हें हम इग्नोर कर देते हैं लेकिन कभी जब उनकी तरफ ध्यान जाता है तो उसके पीछे की वजहें जानकर हैरान रह जाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही चीज के बारे में बताने जा रहे हैं. दरअसल किसी मॉल या फिर सार्वजनिक स्थलों पर आप टॉयलेट तो गए होंगे और आपने देखा होगा कि उस टॉलेट के दरवाजे छोटे होते हैं. छोटे मतलब होने का मतलब यह कि दरवाजे फर्श से काफी पहले खत्म हो जाते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? तो फिर चलिए जानते हैं कि सार्वजनिक स्थलों पर बने टॉयलेट्स में ऐसा क्यों होता है.
मॉल या अन्य सार्वजनिक स्थानों में टॉयलेट के दरवाजे नीचे से थोड़े छोटे या खुले रहने का एक मुख्य कारण सुरक्षा और सुविधा है. दरवाजे के नीचे से खुला हिस्सा होने से आपातकालीन स्थिति में अंदर क्या हो रहा है, इसका कुछ अंदाजा लगाया जा सकता है. अगर कोई अंदर बेहोश हो जाए या किसी अन्य तरह की परेशानी में हो तो बाहर से लोगों को अंदाजा हो सकता है और वे मदद के लिए समय रहते कार्रवाई कर सकते हैं.
➤ साफ-सफाई: सुरक्षा के बाद दूसरी चीज उस जगह साफ सफाई की आती है. दरवाजे के नीचे से खुले हिस्से की वजह से सफाईकर्मी आसानी से सफाई कर सकते हैं और टॉयलेट में ताजगी बनी रहती है. इसके अलावा, पानी या गंदगी अगर फैल जाए तो उसे बाहर निकालना आसान हो जाता है.
➤ एयर सर्कुलेशन: सुरक्षा और सफाई के अलावा हवा का आदान प्रदान भी एक अहम मसला होता है. दरवाजे के नीचे खाली होंगे तो वेंटिलेशन बना रहता है, जिससे टॉयलेट में बदबू कम होती है और हवा का आना-जाना आसानी से हो जाता है.
➤ प्राइवेसी और पब्लिक कंट्रोल: एक और दिलचस्प वजह है यह है कि इस तरह के डिज़ाइन लोगों को अंदर बहुत ज्यादा समय गुजारने से रोकते हैं. जिससे टॉयलेट का दुरुपयोग कम होता है और लोग तेजी से काम करके बाहर आते हैं. इससे बाहर खड़े व्यक्ति को ज्यादा इंतेजार भी नहीं करना पड़ता.