Bengaluru Online Scam: कर्नाटक परिवहन विभाग ने सभी वाहन मालिकों के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगवाने की 15 सितंबर की समय सीमा तय की है. लेकिन इस नए नियम की आड़ में कुछ धोखेबाज बेईमानी कर रहे हैं और लोगों को फंसा रहे हैं. हाल ही में बेंगलुरु के एक 42 साल के व्यक्ति के साथ साइबर ठगी हुई. 9 जुलाई को अपनी गाड़ी के लिए एचएसआरपी बुक कराने के चक्कर में उन्हें करीब 96,000 रुपये का चूना लग गया. दरअसल, उन्होंने अपनी गाड़ी की एचएसआरपी बुक कराने के लिए BookMyHSRP.net नाम की एक फर्जी वेबसाइट इस्तेमाल की थी.


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एक मैसेज भेजकर दिया धोखा


धोखेबाजों ने विजिथ कुमार को 16 जुलाई को एक मैसेज भेजकर धोखा दिया कि उनका पता गलत है और जरूरी जानकारी अपडेट करने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करने को कहा. लिंक पर क्लिक करके उन्होंने अनजाने में अपनी निजी जानकारी दे दी जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ. एशियानेट न्यूज के मुताबिक, फर्जी लिंक पर अपनी डिटेल डालने के बाद विजिथ कुमार ने अपने क्रेडिट कार्ड पर जल्द ही अजीबोगरीब ट्रांजेक्शन देखे. उन्हें जल्द ही पता चल गया कि उनके साथ ठगी हुई है जब उनके खाते से 95,854 रुपये गायब हो गए. धोखेबाजों ने सारा पैसा एक साथ नहीं लिया, उन्होंने पहले 54,773.97 रुपये निकाले, फिर 41,080.48 रुपये और ले लिए.


पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज


जब उन्हें समझ आया कि उनके साथ धोखा हुआ है तो विजिथ कुमार ने बागलुर पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद अधिकारियों ने अज्ञात धोखेबाजों के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और बीएनएस सेक्शन 318 (4) और 319 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की. वे अभी धोखेबाजों के ईमेल आईडी और खाता विवरण की जांच कर रहे हैं.


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फ्रॉड के बाद अकाउंट-क्रेडिट कार्ड ब्लॉक


विजिथ कुमार ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि जैसे ही उन्हें संदिग्ध लेनदेन के मैसेज दिखे, उन्होंने तुरंत अपना खाता और क्रेडिट कार्ड ब्लॉक कर दिया. अगले दिन, वह बैंक गए और अनधिकृत लेनदेन की सूचना दी. उन्होंने साइबर हेल्पलाइन 1930 पर भी कॉल किया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि धोखेबाजों ने शायद कुमार को अपना पार्सल जारी कराने के लिए थोड़ा पैसा देने के लिए कहा होगा. ये धोखेबाज अक्सर 2 से 20 रुपये जैसी छोटी रकम मांगते हैं. असल में, वे लोगों की बैंकिंग जानकारी चुराने के लिए ऐसा करते हैं और फिर उनके पूरे पैसे निकाल लेते हैं. उन्होंने बताया कि वे विजिथ कुमार से फिर से जानकारी लेंगे और मामले की जांच करेंगे. सुरक्षित रहने के लिए, लोगों को सिर्फ आधिकारिक लिंक transport.karnataka.gov.in और www.siam.in का ही इस्तेमाल करना चाहिए.