Bhooton Wali Gali Kahan Hai: दिल्ली में कई नामी गिरामी सड़के हैं. कर्तव्यपथ, संसद मार्ग, कॉपरनिकस मार्ग, शाहजहां रोड, लोक कल्याण मार्ग, अरबिंदो मार्ग इत्यादि. पुरानी दिल्ली चले जाएंगे तो वहां तंग गलियों से पैदल गुजरना भी मुश्किल हो जाएगा. लेकिन क्या दिल्ली की इन गलियों से आप रूबरू हैं क्योंकि दिल्ली का असली दिल इन्हीं गलियों में बसता है. इनके नाम भी अतरंगी होते हैं. लेकिन हम आपको बताएं कि दिल्ली में एक गली का नाम 'भूतों वाली गली' है तो आप हैरान जरूर हो जाएंगे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लेकिन पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई जाट में है भूतों वाली गली. यह गली रोहतक रोड से शिव मंदिर तक आती है. लोग जब इस गली का नाम पहली बार सुनते हैं तो वह भले ही डरें नहीं लेकिन दंग जरूर रह जाते हैं. कई लोग सवाल पूछते हैं कि क्या यहां भूत रहते हैं? चलिए आपको बताते हैं कि इसका नाम 'भूतों वाली गली' कैसे पड़ा. 


भूतों वाली गली कहां है?


नांगलोई फ्लाईओवर के नीचे मेन रोहतक रोड पर भूतों वाली गली की शुरुआत होती है, जो श्मशान घाट तक जाती है. गूगल स्ट्रीट व्यू पर 700 मीटर लंबी इस गली को देखा जा सकता है. 


कैसे मिला यह नाम?


इस गली के छोर पर भगवान शिव का मंदिर भी है. जो भी शख्स पहली बार इस गली का नाम सुनता है तो वह यह जरूर पूछता है कि क्या यहां भूत रहते थे. यह गली श्मशान घाट रोड से लगी हुई है, इसलिए लोगों की उत्सुकताएं और बढ़ जाती हैं. लेकिन ऐसा कुछ है नहीं. इस गली में आम लोग ही रहते हैं. पूरी गली दुकानों से भरी हुई है. 


एक शख्स ने बताया कि बहुत समय पहले यहां सिर्फ खेत ही थे. जब लोग पूरे दिन काम करने के बाद घर लौटते थे तो उनके चेहरे पर मिट्टी लगी होती थी. शाम के समय पर चेहरा भूत की तरह लगता था. बाद में इस गली का नाम भूतों वाली गली पड़ गया. 


एक दूसरी थ्योरी यह है कि इस गली में जाटों की एक फैमिली रहती थी. वे रात के वक्त खेतों में काम करते थे. अकसर दिन के वक्त लोग खेतों में काम करते हैं और रात में आराम करते हैं. रात को भूतों के जागने का वक्त कहा जाता है. आस-पड़ोस के लोगों ने इस परिवार को ही भूत कहना शुरू कर दिया और गली को लोग भूतों वाली गली कहने लगे.


हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे