Blue Water In Delhi: आपने वो मशहूर गाना सुना होगा, 'आज ब्लू है पानी-पानी?' दिल्ली के नलों से जब नीले रंग का पानी निकलने लगा तो लोगों के होश उड़ गए. दिल्ली के पीरागढ़ी इलाके के लोगों के लिए ये गाना सच हो गया. यहां के लोगों के नलों से पिछले 15 दिनों से नीला पानी आ रहा है. सोचिए, नल खोलने पर आपको ऐसा पानी मिले जो नीले रंग का हो. इस अजीब घटना की तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट पर छाई हुई हैं, जिससे सोशल मीडिया पर इस सदमे से मीम्स की बाढ़ आ गई.


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दिल्ली में पानी का रंग बना जी का जंजाल


गंभीरता से बात करें तो, गांव वाले पास की रासायनिक और डेनिम फैक्ट्रियों पर उंगली उठा रहे हैं और उन पर औद्योगिक कचरे को गलत तरीके से डंप करने का आरोप लगा रहे हैं. उनके मुताबिक, यही वजह है कि उनका पानी नीला पड़ गया है. हालात ऐसे हो गए हैं कि पानी पीने लायक तो नहीं रहा ही, साथ ही यह सेहत के लिए भी खतरनाक बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि गांव वालों को पानी के कैन खरीदने पड़ रहे हैं, क्योंकि उनका नल का पानी अब नो-गो जोन बन गया है.


गांव के मुखिया का क्या है कहना?


गांव के मुखिया विनोद शौकीन ने बताया, "फैक्ट्रियां और डाइंग यूनिट अपना जहरीला कचरा लापरवाही से फेंक रही हैं. हमारा पानी सप्लाई महीनों से अनियमित और गंदा रहा है. अब पानी साफ तौर पर प्रदूषित हो गया है और नीला पड़ गया है. हमने अधिकारियों को सूचित किया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है. समस्या सिर्फ नलों तक ही सीमित नहीं है, नीला पानी सड़कों पर भी बह रहा है और लगभग 45 घर प्रभावित हैं. जबकि अन्य को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. भले ही उनका पानी नीला न हो."


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दिल्ली जल बोर्ड ने क्या कहा?


दिल्ली पंचायत कलेक्टिव के प्रमुख ठाण सिंह यादव ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा, "प्रदूषित पानी स्वास्थ्य के लिए खतरा है. अगर कुछ नहीं किया गया तो हम नंगलोई के तीनों गांवों की बैठक बुलाकर आगे की कार्रवाई पर चर्चा करेंगे. प्रशासन ग्रामीण निवासियों के साथ दूसरे दर्जे के नागरिकों जैसा व्यवहार कर रहा है, जो अस्वीकार्य है." वहीं, दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने दावा किया कि उन्हें इस स्थिति की जानकारी नहीं है.


उन्होंने कहा कि हालांकि उन्हें प्रदूषित पानी की कई शिकायतें मिलती हैं, लेकिन जटिलताओं के कारण समस्याओं को हल करने में समय लगता है. हमारे पास एक हेल्पलाइन है जो मुद्दों को जूनियर इंजीनियरों को हल करने के लिए भेजती है, जिसमें जटिलता के आधार पर समय लग सकता है. हम इस मुद्दे को शीघ्रता से हल करेंगे. रिपोर्ट में DJB के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है.