Apple MacBook: बेंगलुरु में एक 31 साल की महिला को 1.74 लाख रुपये का MacBook Pro 13 इंच लैपटॉप एक कप कॉफी की वजह से खराब हो गया. जैसा कि टीओआई ने बताया, जनवरी 2023 में लैपटॉप खरीदने के बाद जब गलती से कीबोर्ड पर कॉफी गिर गई, तब यह दुर्भाग्य शुरू हुआ. लैपटॉप ने काम करना बंद कर दिया. उसने लैपटॉप को ठीक करवाने के लिए स्टोर में संपर्क किया, क्योंकि उसने 1,74,307 रुपये के लैपटॉप के साथ AppleCare+ कवरेज प्लान भी खरीदा था, जिसमें दुर्घटना से हुए नुकसान की कवरेज शामिल थी. लेकिन उसे निराशा हुई कि केयर टीम ने उसे ठीक करने से मना कर दिया, यह कहते हुए कि AppleCare+ पूरी तरह से कवर नहीं करता है.


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मैकबुक पर गिर गई कॉफी तो मच गया बवाल


निराश तो हुईं महिला, लेकिन हार नहीं मानीं. उसी महीने की 23 तारीख को वो अपना दुख तीसरे अतिरिक्त जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के सामने ले गईं. आयोग के सामने उन्होंने Apple India Pvt Ltd, iCare Ample Technologies और Imagine Store पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया. उनके मुताबिक इन कंपनियों ने उनके साथ अनुचित व्यापार व्यवहार किया है. इस घटना से ये समझने में आता है कि कभी-कभी हमारे उपभोक्ता अधिकारों का हनन हो सकता है. ऐसे में हार ना मानकर उपभोक्ता आयोग जैसे मंचों से अपनी आवाज़ उठाना जरूरी है.


कोर्ट जाकर ठोका मुकादमा लेकिन फिर भी हारी


अफसोस की बात है कि महिला की कोशिशें बेकार गईं. उपभोक्ता आयोग ने Apple India के पक्ष में फैसला सुनाया. टेक्नोलॉजी कंपनी का तर्क था कि AppleCare+ आकस्मिक रूप से गिरे तरल पदार्थ से होने वाले नुकसान को कवर नहीं करता है, खासकर अगर वो लैपटॉप के अंदरूनी हिस्सों तक पहुंचे हों. इसके अलावा, ये सामने आया कि कानूनी कार्रवाई करते हुए भी महिला ने स्वतंत्र रूप से Apple के अधिकृत सर्विस सेंटर से संपर्क किया था और 4 फरवरी को अपने डिवाइस की मरम्मत करवा ली थी.


अपनी शिकायत में उन्होंने इस महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा नहीं किया, जिसके चलते उनके दावों को साबित करना मुश्किल हो गया. इस मामले से एक सबक मिलता है कि किसी भी शिकायत या कानूनी प्रक्रिया में पूरी सच्चाई और पारदर्शिता रखना जरूरी है.