Daily Worker Contesting Election: गुजरात में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां चरम पर हैं. तमाम पार्टियां और उनके प्रत्याशी अपने अपने चुनावी मैदान में हैं और लोगों से मिल रहे हैं. इसी बीच एक ऐसा प्रत्याशी चर्चा में है जो एक दिहाड़ी मजदूर है. यह मजदूर चुनाव लड़ रहा है और यह अचानक चर्चा में तब आया जब यह नामांकन में दस हजार के सिक्के को बोरे में भरकर पहुंच गया.


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जमानत राशि सिक्के के तौर पर
दरअसल, यह मजदूर गुजरात में गांधीनगर विधानसभा सीट से निर्दलीय लड़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसका नाम महेंद्र पाटनी है. महेंद्र नामांकन दाखिल करने के लिए अपने समर्थकों के साथ निर्वाचन कार्यालय पहुंचे तो उनके साथ दो बोरियां थीं. इसमें जमानत राशि सिक्के के तौर पर थी. ये सभी एक-एक के सिक्के थे. उसने यह भी बताया कि सभी सिक्के उन्होंने अपने समर्थकों से चंदे के तौर पर लिए हैं.


चुनाव लड़ने के पीछे की कहानी
इस मजदूर की कहानी इतनी भी आसान नहीं है वह अपनी मांगों को लेकर इस चुनाव में उतरा है. उसकी नारागजी उस समय शुरू हुई जब गांधीनगर में एक होटल के लिए उसकी झुग्गी बस्ती को 2019 में हटाया गया था. इतना ही नहीं उससे पहले भी एक बार मजदूर की बस्ती के निवासियों को दो बार विस्थापित  की गई. 


आठ दिसंबर को आएगा फैसला!
उसने कहा कि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हूं और श्रमिक परिवार से हूं. हमने हमारे इलाके के दिहाड़ी मजदूरों के साथ मिलकर एक-एक रुपए के सिक्के चंदे में इकट्ठे किए और अब वही राशि जमाकर चुनाव में उतर रहा हूं. बता दें कि गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में चुनाव होंगे. एक और पांच दिसंबर को मतदान जबकि आठ दिसंबर को फैसला आएगा.


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