Trending News: मां ने लिखा है खत में जहां जाओ खुश रहो, मुझको भले न याद करो पर घर न भूलना... शायर अजमल अजमली की इस शायरी को एक कलयुगी बेटी ने कुछ इस तरह सच कर दिखाया कि अपनी मां को मुर्दा दर्शाकर उसके घर समेत सभी प्रॉपर्टी हड़प ली. अब बुजुर्ग व बेबस मां अधिकारियों की चौखट पर अपने जिंदा होने की दुहाई देते हुए अपनी जमीन को वापस मांग रही है. दरअसल, मामला जानसठ तहसील स्थित ढढ़ेड़ा गांव का है, जहां एक 70 वर्षीय बुजुर्ग मां शांति देवी इन दिनों आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाते दर-दर की ठोकरे खा रही है. बेबस मां शांति देवी का आरोप है कि जिंदा रहते उसके पति बाबू ने अपनी 28 बीघा जमीन में से 23 बीघा अपनी बेटी सुदेशा और बाकी की 5 बीघा अपनी पत्नी शांति देवी के नाम कर दी थी, जिसके बाद बाबू की मृत्यु हो गई थी.


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पीड़ित मां का आरोप है कि उसके जमाई शुभम ने तहसील में पटवारी से सांठ-गांठ करके उसको मृत दर्शाते हुए उसकी 5 बीघा जमीन और बैंक में जमा कुछ पैसे भी हड़प लिए हैं. जिसके बाद से ये बेबस बुजुर्ग मां शांति देवी लगातार न्याय की मांग के लिए आलाधिकारियों के चक्कर काट रही है. इस बेबस पीड़ित मां शांति देवी की माने तो लड़की व जमाई ने जमीन पर बेमानी से कब्जा किया हुआ है, जिसमें केस भी चल रहा है. बुजुर्ग का कहना है कि हम ढढ़ेड़ा के रहने वाले हैं. हमारा आदमी गुजर गया था, जिसके बाद हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया था और हमें घर से निकालने लग रहे हैं. हमें परेशान होते-होते 8 साल हो गए हैं. ठोकरें खाते फिर रही हूं लेकिन इंसाफ नहीं हो रहा.


मां ने आगे कहा कि हमारी 28 बीघा जमीन थी जिसमें से 23 बीघा लड़की को दे दी थी और 5 बीघा अपने पास रखी थी, वो बैनामा कराकर 5-6 महीने में मर गया. उसके मरने के बाद में हमको गांववालों ने कहा कि तुम्हारे नाम जमीन छोड़ रखी है. तुम कचहरी में जाकर पता निकालो तो हम कचहरी में आए तो पटवारी ने कहा कि अम्मा हम तुम्हारा काम कर देंगे और वह पैसा लेकर चला गया. इसके बार मेरा काम नहीं हुआ. हम इंसाफ मांग रहे हैं. हम अपना घर व जमीन मांग रहे हैं. हमने अधिकारियों को कहा कि हम जिंदा है और तभी तो हम भागे फिर रहे हैं. हमारे जमाई ने मृत घोषित कराया, हम यह चाहते हैं कि हमारी जमीन व घर हमें मिल जाए.


इस मामले को लेकर जानसठ एसडीएम अभिषेक कुमार का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है, जिसमें वह एक हफ्ते में जांचकर मीडिया को सच्चाई से अवगत कराएंगे. अब इस तहसील दिवस में उनका प्रार्थना पत्र आया है तो मुझे 1 हफ्ते का टाइम चाहिए और एक हफ्ते में जांच के जो भी तथ्य सामने आते हैं उससे आपको अवगत करा दिया जाएगा.


रिपोर्टर: अंकित मित्तल