एलन मस्क की न्यूरालिंक ब्रेन चिप से शख्स ने दिमाग से खेला शतरंज, जैसे ही शेयर किया Video; देखती रह गई दुनिया
Elon Musk: एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ने बुधवार को एक लाइव स्ट्रीम दिखाई जिसमें उन्होंने अपने पहले ब्रेन इम्प्लांट (दिमाग में लगाई गई डिवाइस) वाले मरीज को प्रदर्शित किया. यह मरीज गर्दन से नीचे के अंगों को हिलाने में असमर्थ था, लेकिन अपने दिमाग से ही वीडियो गेम और ऑनलाइन शतरंज खेल पाया.
Elon Musk Neuralink: एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ने बुधवार को एक लाइव स्ट्रीम दिखाई जिसमें उन्होंने अपने पहले ब्रेन इम्प्लांट (दिमाग में लगाई गई डिवाइस) वाले मरीज को प्रदर्शित किया. यह मरीज गर्दन से नीचे के अंगों को हिलाने में असमर्थ था, लेकिन अपने दिमाग से ही वीडियो गेम और ऑनलाइन शतरंज खेल पाया. न्यूरालिंक दिमाग से जुड़ी टेक्नोलॉजी वाली कंपनी है. इसकी बनाई डिवाइस मरीज को दिमाग के सहारे कंप्यूटर चलाने में मदद करती है. एलन मस्क का कहना है कि उनकी कंपनी सबसे पहले ऐसे मरीजों पर फोकस करेगी जिन्हें शरीर में गंभीर कमजोरी है, जैसे गर्दन की रीढ़ की हड्डी में दिक्कत या पूरे शरीर को हिलाने में असमर्थता.
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एलन मस्क की नई टेक्नोलॉजी हुई वायरल
बुधवार को एलन मस्क के सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर स्ट्रीम किए गए वीडियो में मरीज नोलैंड आर्बो अपने कंप्यूटर का उपयोग करके शतरंज और सिविलाइजेशन VI खेलने में सक्षम थे. उन्होंने कहा, "मैंने इस खेल को खेलने की उम्मीद छोड़ दी थी." नोलैंड आर्बो ने कहा, "इस डिवाइस ने मेरी जिंदगी ही बदल दी है." 29 साल के आर्बो ने बताया कि आठ साल पहले एक अजीब सी गोता लगाने की वजह से उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई थी. उन्होंने यह भी बताया कि जनवरी में हुए न्यूरालिंक के ऑपरेशन के बाद उन्हें एक ही दिन में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी.
तकनीक को बेहतर बनाने का काम बाकी
ऑपरेशन बिना किसी दिक्कत के हुआ था. उन्होंने आगे कहा कि इस तकनीक को और बेहतर बनाने के लिए अभी और काम बाकी है. न्यूरालिंक की डिवाइस दूसरी डिवाइसों के मुकाबले ज़्यादा इलेक्ट्रोड इस्तेमाल करती है, जिसका मतलब है कि भविष्य में इसके और भी फायदे हो सकते हैं. न्यूरालिंक की टेक्नॉलजी बिना किसी तार के बाहरी डिवाइस से जुड़े बिना काम करती है. एलन मस्क ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि हो सकता है ये डिवाइस आंखों की रोशनी वापस लाने में भी मदद कर सके. उन्होंने लिखा, "टेलीपैथी के बाद अगला प्रोडक्ट ब्लाइंडसाइट होगा."
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विस्कॉन्सिन इंस्टीट्यूट फॉर ट्रान्सलेशनल न्यूरोइंजीनियरिंग के सह-निदेशक किप एलन लुडविग ने कहा, "मुझे खुशी है कि ये शख्स अब कंप्यूटर चला पा रहा है, जो पहले काबिल नहीं था." उन्होंने आगे कहा, "यह किसी बड़ी खोज जैसा नहीं है, क्योंकि कुछ दूसरी कंपनियों ने भी पहले ऐसा दिखाया है, लेकिन शुरुआत के लिए जरूर अच्छा है."