नई दिल्ली. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Betul) जिले में मलाजपुर गांव (Malajpur Village) पड़ता है. यहां पर हर साल भूतों का मेला (Ghost Fair) लगता है. इस गांव में लोग भूतों से मुक्ति पाने के लिए दूर-दूर से आते हैं. कहा जाए तो इस गांव में भयंकर अंधविश्वास (Superstition) देखने को मिलता है. मलाजपुर गांव में पिछले 400 सालों से गुरु साहब (Guru Sahib) का मेला लगता है, जहां पर भूत-प्रेतों को शरीर से भगाने का दावा किया जाता है.


पौष मास में लगता है मेला


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बैतूल (Betul) के चिचोली विकासखंड में स्थित मलाजपुर (Malajpur) गांव में गुरु बाबा (Guru Baba) की समाधि है. यहां हर साल पौष मास (Paush Maas) की पूर्णिमा (Purnima) पर एक माह के लिए मेला लगता है. इस दौरान गुरु बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं. यहां पर भूतों-प्रेतों से मुक्ति, मानसिक बीमारी (Mental Illness), निसंतान दंपति और सर्पदंश से पीड़ित मरीज इलाज करवाने आते हैं.


माना जाता है कि गुरु बाबा की समाधि पर आने से भूत-प्रेत शरीर छोड़कर भाग जाते हैं. वहीं, निसंतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है.


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बाल खींचकर और झाड़ू मारकर होता है इलाज


इस मेले में आकर भूत-प्रेत से पीड़ित लोग गुरु बाबा (Guru Baba) की समाधि की परिक्रमा करते हैं. इसके बाद उन लोगों के शरीर में अजीब सी हलचल पैदा हो जाती है. फिर यहां के पुजारी भूत-प्रेत से पीड़ित व्यक्ति के बाल पकड़कर खींचते हैं और जोर से झाड़ू मारते हैं. इसके बाद भूत-प्रेत शरीर छोड़कर निकल जाते हैं. फिर वहां मौजूद श्रद्धालु गुरु बाबा की जय-जयकार करते हैं.


गुरु बाबा में लोगों की है गहरी आस्था


यहां आने वाले लोगों का कहना है कि गुरु बाबा की समाधि पर आकर भूत-प्रेत और मानसिक बीमारी से छुटकारा मिल जाता है. कई लोग इसे अंधविश्वास (Superstitiom) कहते हैं लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है. जो लोग यहां बीमारी लेकर आते हैं, वे ठीक होकर ही घर वापिस लौटते हैं.


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चिकित्सा विज्ञान मानता है अंधविश्वास


वहीं, चिकित्सा विज्ञान की नजर में यह अंधविश्वास से ज्यादा कुछ नहीं है. मेडिकल ऑफिसर रजनीश शर्मा के मुताबिक, मानसिक बीमारी (Mental Illness) एक नहीं, बल्कि कई तरह की होती है. इनका अलग-अलग तरीके से इलाज किया जाता है. बाल खींचने या झाड़ू मारने से इस गंभीर बीमारी का इलाज असंभव है.


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