Male Dominating Society: मिडिवल ऐरा में आदमी और औरत किसी के कपड़ों में पॉकेट्स नहीं हुआ करते थे. सभी लोग सामान रखने के लिए अपने साथ थैले या पर्स (Purse) रखा करते थे जिन्हें आमतौर पर कमर पर बांध लिया जाता था. इसके बाद 17वीं शताब्दी में कपड़ों में पॉकेट्स बनाने का आइडिया (Idea) लाया गया. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इसे सिर्फ आदमियों (Males) के कपड़ों में ही डिजाइन किया जाता था. पितृसत्तात्मकता (Patriarchy) इसकी सबसे बड़ी वजह थी. आप भी इसके पूरे इतिहास के बारे में जानिए...


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नहीं होती थी औरतों के कपड़ों में पॉकेट्स


पहले के समय में ऐसा माना जाता था कि आदमी घर से बाहर जाकर काम (Work) करता है, इसलिए उसे बड़ी-बड़ी पॉकेट्स की जरूरत होती है. अब क्योंकि औरतें घर पर रहती हैं और घर का काम-काज संभालती हैं तो उन्हें पॉकेट्स की क्या जरूरत है. इसलिए औरतों के कपड़ों में पॉकेट्स नहीं होती थीं.


फ्रेंच रिवॉल्यूशन का फैशन 


कुछ समय के बाद फ्रेंच रिवॉल्यूशन (French Revolution) आता है जिसके बाद औरतों के फैशन में काफी ज्यादा बदलाव आते हैं. इस दौरान औरतें हाई वेस्ट सकर्ट्स पहनने लगीं और इतने टाइट कपड़े (Tight Clothes) पहनने लगीं कि पॉकेट्स की तो क्या बल्कि सांस लेने की भी जगह नहीं बचती थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि एक समय में वेस्ट बेल्ट (Waist Belt) भी आने लगी थी, जिसमें अलग-अलग सामान रखने की जगह होती थी. 


धीरे-धीरे बदली सोच


धीरे-धीरे लोगों की सोच (Thinking) बदलने लगी और औरतों के कपड़ों में भी पॉकेट्स की मांग (Demand) बढ़ने लगी. कई लोग मानने लगे कि सबके कपड़ों के डिजाइन लॉजिकल (Logical) होने चाहिए न कि जेंडर के हिसाब से कपड़ों के डिजाइन में भेदभाव (Discrimination) किया जाना चाहिए. 


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