Ancient Honeytrap: ज्यादातर लोग हनीट्रैप नाम के शब्द से भली-भांति परिचित होंगे, जो नहीं जानते उन्हें बता दें कि किसी युवती के जरिए अपने दुश्मन से जरूरी जानकारियां निकलवाने को हनीट्रैप कहा जाता है. इसमें लड़की अपनी अदाओं के जरिए दुश्मन को अपने प्यार के जाल में फंसाती है और बाद में उनसे जरूरी बातें उगलवाती है. हनीट्रैप में फंस कर लोग अक्सर अपनी महत्वपूर्ण जानकारियां दुश्मन को देते हैं जो उनके लिए घातक हो जाती हैं. हाल ही में पाकिस्तान में हनीट्रैप को लेकर भूचाल मचा हुआ है लेकिन हनीट्रैप सिर्फ आज की कहानी नहीं है. सालों पहले अपने दुश्मन को मात देने के लिए भी इस तरह की चीजों का इस्तेमाल किया जाता था. कई कहानियों में आपने विषकन्याओं के बारे में सुना होगा. प्राचीन समय में इनका इस्तेमाल हनीट्रैप की तरह ही दुश्मन को फंसाने के लिए किया जाता था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चाणक्य के अर्थशास्त्र में भी मिलता है जिक्र


कौटिल्य के अर्थशास्त्र में भी विषकन्याओं का जिक्र किया गया है. चाणक्य ने चंद्रगुप्त के शासनकाल में ही विषकन्याओं की जरूरत को समझ लिया था. इन विषकन्याओं का इस्तेमाल जासूसी या किसी मोहक हथियार तौर पर किया जाता था. ये अपनी मनमोहक और सुंदर अदाओं से दुश्मनों को अपनी ओर आकर्षित करती थीं, उन्हें अपनी अदाओं का गुलाम बनाती थीं और उनसे जरूरी बातें निकलवा कर उनके कत्ल को अंजाम देती थीं.


कैसे आम लड़कियों को बनाया जाता था विषकन्या


विषकन्याओं को तैयार करने के लिए छोटी उम्र की सुंदर लड़कियों को चुना जाता था. इन छोटी बच्चियों को हल्की - हल्की मात्रा में जहर दिया जाता था. जहर की इतनी मात्रा की उनकी जान न जाए. इसके बाद जहर की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाई जाती थी और एक वक्त ऐसा होता था जब उनके पूरे शरीर में जहर फैल चुका होता था. इन लड़कियों को नृत्य कला, संगीत कला और राज-काज जैसी तमाम तरह की चीजें सिखाई जाती थी. ट्रेनिंग के बाद इनका इस्तेमाल जासूसी और किसी खतरनाक हथियार के तौर पर किया जाता था. सबसे पहले ये दुश्मन का विश्वास जीतकर उन्हें अपने प्यार के जाल में फंसाती थीं और अपनी अदाओं से इन्हें लुभाकर जरूरी बातें बाहर निकलवाती थीं. इन लड़कियों की एक-एक बूंद खून और थूक सब में जहर होता था. इनसे संबंध बनाने वाले सीधे मौत को गले लगाते थे.


पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं