Human Eye: कितने मेगापिक्सल की होती है इंसान की आंख, 99.9 फीसदी लोग नहीं जानते ये बात!
Interesting Facts: आजकल मोबाइल के कैमरे की क्वालिटी उसके मेगापिक्सल को देखकर पता की जाती है. लेकिन क्या आपको पता है कि इंसान की आंख कितने मेगापिक्सल की होती है?
Eye Power: आजकल मार्केट में लेटेस्ट स्मार्टफोन आते हैं, जिनमें बेहतरीन कैमरा होते हैं. मोबाइल खरीदते वक्त हम ये जरूर चेक करते हैं कि उसका कैमरा कितने मेगापिक्सल का है. जितने ज्यादा मेगापिक्सल का कैमरा होगा उतनी ही अच्छी उसकी फोटो क्वालिटी होगी. लेकिन क्या आपको पता है कि हमारी आंख कितने मेगापिक्सल की होती है, जिससे हम हर चीज को देख पाते हैं? आइए बताते हैं.
आंख कितने मेगापिक्सल की होती है?
आपको ये तो पता होगा कि हमारी आंख में लेंस लगा होता है, ये लेंस किसी कांच का नहीं बल्कि प्राकृतिक होता है. आंख कैमरे की तरह चीजों को कैप्चर कर लेती है. हमारी आंख शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक है. अगर इंसान की आंख को डिजिटल कैमरा मान लिजा जाए तो वो 576 मेगापिक्सल तक दृश्य दिखाती है. यानी हम कह सकते हैं कि हमारी आंखों में लगा लेंस 576 मेगापिक्सल का होता है.
कैमरे की तरह ही करती है काम
आपको बता दें कि इंसान की आंख किसी कैमरे की तरह ही काम करती है और इसमें तीन भाग होते हैं.पहला लेंस या प्रकाशीय यन्त्र जो प्रकाश को एकत्रित कर तस्वीर बनाता है. दूसरा सेंसर जो छवि के प्रकाशीय ऊर्जा को इलेक्ट्रिक सिग्नल्स में बदलता है और तीसरा प्रोसेसर जो उन इलेक्ट्रिक सिग्नल्स को वापस स्क्रीन पर इमेज में बदल कर दिखाता है. आंख एक बार में 576 मेगापिक्सल का का एरिया देख लेती है, लेकिन हमारा मस्तिष्क इसे एक साथ प्रोसेस नहीं कर पाता वो केवल थोड़े से ही हिस्से को ही हाई डेफिनेशन में प्रोसेस कर पाता है. इसीलिए किसी भी घटना को सही तरीके से देखने के लिए हमें अपनी आंखों को उस ओर घुमाना पड़ता है.
उम्र के साथ कम हो जाती है क्षमता
लेकिन कई लोगों के मन में अब ये सवाल आ रहा होगा कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ आंख की क्षमता और मेगापिक्सल पर असर पड़ता है या नहीं? तो आपको बता दें कि शरीर के बाकी हिस्सों की तरह ही उम्र बढ़ने के साथ आंख का रेटिना भी कमजोर होने लगता है. इस वजह से लोगों की देखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है और आंखो के मेगापिक्सल में बदलाव होता है.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर